इस बार श्रावणी मेला की तैयारियां जोर शोर से चल रही है। अधिकारी लगातार मंदिर का निरीक्षण कर रहे हैं। स्थानीय स्तर पर कांवरिया सेवा दल भी बैठक कर अपनी सक्रियता दिखा रहे हैं। पूर्वी एसडीओ ज्ञान प्रकाश थानाध्यक्षकों के साथ बैठक कर रहे हैं। पथ निर्माण, पीएचईडी, भवन निर्माण, बिजली विभाग के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं और बाबा गरीबनाथ धाम तक जाकर सभी चीजों को देख रहे हैं। विवाह भवन, होटल संचालकों के साथ भी बैठक कर कांवरियों को ठहराने की व्यवस्था की जा रही है।
पिछले दो वर्षों से कोरोना के कारण लगे लाकडाउन की वजह से बाबा गरीबनाथ धाम में श्रावणी मेला नहीं लगा। इस बार बाजार के लिए एक नई उम्मीद जगी है। इस बार बाबा गरीबनाथ धाम में श्रावणी मेला का आयोजन धूमधाम से किया जाएगा। दूर-दराज से लोग कांवर लेकर बाबा गरीबनाथ के दर्शन के लिए आते हैं और जल चढ़ाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
इधर दो साल से सूखा झेल रहे फुटपाथी एवं अन्य होलसेल व्यवसायियों को बिक्री की उम्मीद जगी है। प्रसाद बिक्री करने वाले, कांवर बनाने वाले, फूलों की बिक्री करने वाले सभी लोग अभी से लग गए हैं। गेरुआ वस्त्र के लिए सरैयागंज, कल्याणी, सूतापट्टी के खुदरा और होलसेल कपड़ा व्यवसायी कोलकाता, आदि जगहों से मार्केटिग के लिए निकल गए हैं। कोरोना काल से पहले कपड़े के एक थोक व्रिकेता चार से छह लाख की बिक्री करते हैं। इसके अलावा यहां से उत्तर बिहार में गेरुआ वस्त्र भेजा जाता है।
Source: Dainik Jagran