MUZAFFARPUR
MDDM की श्वेता नंदन बनेंगी 26 जनवरी 2020 को होने वाली दिल्ली राजपथ परेड का हिस्सा

दिल्ली राजपथ परेड में बीआरए बिहार विवि की श्वेता नंदन शामिल होंगी। परेड में शामिल होने के लिए वह दिल्ली के लिए रवाना होंगी जहां 1 से 25 जनवरी तक उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। बता दें कि बीआरए बिहार विवि के एमडीडीएम कॉलेज की बीएससी अंतिम वर्ष की छात्रा श्वेता जिले से इस परेड में शामिल होने वाली इकलौती छात्रा हैं। उनके पिता अरुण कुमार सिंह किसान हैं और माता धर्मशीला सिंह गृहिणी हैं। इस परेड का हिस्सा बनने से पूर्व उन्हें भोपाल में 10 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।
श्वेता ने बताया कि यह मेरा सौभाग्य और जिले के लोगों का आशीर्वाद है कि मैं राजपथ परेड का हिस्सा बनने जा रही हूं। अपनी सफलता का श्रेय पिता को देते हुए बताया कि उनकी प्रेरणा से ही मैं इस मुकाम पर पहुंची हूं। सदा आगे देखो, पीछे की ओर नहीं मुड़ो के सिद्धांत पर नियमित अभ्यास के सहारे कई सफ़लताओं को पाया।
श्वेता के पिता ने बताया कि वह बचपन से ही प्रतियोगिताओं में भाग लेती रही है। उसपर कभी किसी तरह का दबाव नहीं दिया। श्वेता की इस सफलता पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. ममता रानी व एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ.अलका जायसवाल ने बधाई दी है। वह बलड़़ा इस्माइल गांव की रहने वाली है। बता दें कि इससे पहले मुजफ्फरपुर की निशा इस परेड का हिस्सा बन चुकी है।
Input : Dainik Jagran
BIHAR
मुजफ्फरपुर जिले में दाखिल-खारिज के 47,482 मामले लंबित, डीएम ने जताई नाराजगी

मुजफ्फरपुर के 16 अंचलों में 47 हजार 482 मामले ई-म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) के लंबित है। इसमें 21 दिनों के अंदर के 35 हजार 798 और 63 दिनों के अंदर वाले 3430 मामले लंबित हैं। इसमें सबसे अधिक मुशहरी अंचल में 7500 मामले लंबित पड़े हैं। सबसे कम मुरौल में मात्र 250 आवेदन लंबित है। पूरे मामले में विभाग द्वारा 31 जुलाई तक का विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को भेजा गया है। जबकि ई-म्यूटेशन को लेकर सरकार का सख्त आदेश है कि इसे समय सीमा के अंदर निपटारा करें। अन्यथा संबंधित कर्मचारी व अंचलाधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी।
समीक्षा बैठक में लंबित संख्या पर नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने कर्मचारियों व सभी सीओ को चेतावनी दी थी। इसके बावजूद दाखिल-खारिज के निष्पादन को लेकर तेजी नहीं लाई जा रही है। बता दें कि सरकार के सख्त आदेश के बाद भी दाखिल-खारिज मामले में अंचलाधिकारी व कर्मचारी शिथिलता बरतते है। जबकि पूरी प्रक्रिया आनलाइन है। बावजूद आनलाइन आवेदन करने के बाद भी दाखिल-खारिज के लिए लोगों को परेशान किया जाता है। शिकायत के बाद भी प्रशासन के स्तर से कार्रवाई नहीं हो पाती है। नतीजा अंचलों में जमे कर्मी मनमानी तरीके से काम करते हैं।
Source : Dainik Jagran
MUZAFFARPUR
जाम से मिलेगी मुक्ति : माह भर में मधौल-रोहुआ बाईपास बनना शुरू होगा

हाजीपुर-मुजफ्फरपुर एनएच-77 को एनएच-28 और पूसा मार्ग से जोड़ने के लिए प्रस्तावित सात किमी लंबे नये बाईपास के निर्माण के लिए पथ निर्माण विभाग से आवंटन मांगा गया है। अगले एक माह में इसका निर्माण शुरू करने की कवायद में विभाग जुटा हुआ है। इसके लिए पथ प्रमंडल संख्या एक के कार्यपालक अभियंता ने जिलाधिकारी के माध्यम से पत्र भेजा है।
मई में इस बाईपास के निर्माण का प्रस्ताव विभाग को भेजा गया था। अब इसके लिए आवंटन लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है। पथ निर्माण विभाग को बताया गया है कि इस बाईपास के बनने से शहर के मुहाने पर रामदयालुनगर के पास हर दिन के जाम से मुक्ति मिलेगी। वाहन का दबाव कम होगा। साथ ही मध्यम वाहनों की आवाजाही के लिए दो एनएच और एक स्टेट हाइवे से जुड़ाव होगा।
आरसीडी के कार्यपालक अभियंता अंजनी कुमार ने बताया कि पहले से ग्रामीण सड़क है। उसे बाईपास के रूप में विकसित किया जाना है। मधौल से एनएच-28 पर शेरपुर अनंत होकर सनशाइन स्कूल के पास शेरपुर चौक होते हुए मिठनपुरा मोड़ से बेला होकर इस रोड को पूसा मार्ग में रोहुआ के पास मिलाया जाना है। सात किमी. लंबी इस सड़क की चौड़ाई 3.5 से 5 मीटर तक होगी। कई जगहों पर रोड के साथ नाला भी बनेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्र में जलनिकासी की समस्या भी नहीं रहेगी। बताया कि नारायणपुर माल गोदाम से निकलने वाली मध्यम मालवाहक गाड़ियां सीधे हाजीपुर रोड में मधौल के पास निकल सकेंगी। अभी रामदयालू नगर के पास हर दिन जाम लग रहा है। निर्माण से वाहनों का दबाव कम होगा, जिससे रामदयालुनगर में जाम से मुक्त मिलेगी। सड़क के निर्माण पर 30 करोड़ रुपये लागत आने का अनुमान है। कार्यपालक अभियंता ने बताया कि मई में भेजे गये इस बाईपास के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति के साथ ही राशि आवंटन के लिए अब डीएम के स्तर से पत्र भेजा गया है। मंजूरी मिलने पर इसी साल टेंडर कर रोड निर्माण शुरू कराने की कोशिश है।
नारायाणपुर से एनएच-28 के दिघरा चौक तक की सड़क निर्माण के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है। यह सड़क चार साल पहले बनी थी जो अब जर्जर हो चुकी है। इसका जीर्णोंद्धार और चौड़ीकरण कराया जायेगा।
शहर की नई बाइपास सड़क की राशि आवंटन के लिए जिलाधिकारी ने अपर मुख्य सचिव से बात की है। एक माह के अंदर इस बाइपास रोड के लिए काम शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए जरूरी कागजी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। -अंजनी कुमार, कार्यपालक अभियंता, आरसीडी
Source : Hindustan
MUZAFFARPUR
भूमि पूजन के साथ मुजफ्फरपुर जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने का काम शुरू

मुजफ्फरपुर जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने का काम सोमवार को भूमि पूजन के साथ शुरू हो गया। निर्माण कंपनी की ओर से जंक्शन परिसर के स्वस्थ्य केन्द्र के पास भूमि पूजन किया गया। कंपनी के मालिक आयुष कुमार भूमि पूजन किया। 10 अगस्त से जंक्शन पर निर्माण कार्य शुरू होगा। माल गोदाम चौक के समीप पोखर के पास कंपनी का कैंप खोला गया है। इस व्यस्ततम रेलवे जंक्शन को विश्वस्तरीय स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। रेलवे की रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (आरएलडीए) ने करीब 450 करोड़ रुपये में टेंडर प्रक्रिया पूरी की है। इस जंक्शन को स्मार्ट स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। खाली जगहों पर मल्टीफंक्शनल कॉम्प्लेक्स के अलावा मल्टीस्टोरी पार्किंग बनाने समेत अन्य कई प्रकार की यात्री सुविधाओं का विस्तार होगा। पुरानी बिल्डिंग को तोड़कर नई बिल्डिंग बनाई जाएगी। परिसर के दोनों तरफ के सर्कुलेटिंग एरिया को पूरी तरह से सुरक्षित जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। टेंडर मिलने के बाद निर्माण कंपनी ने भूमि पूजन किया है। नई दिल्ली में आरएलडीए की ओर से खोले गए टेंडर में एक मात्र इसी कंपनी ने प्रस्ताव डाला था।
अत्याधुनिक सुविधा से लैस होगा जंक्शन
जंक्शन पर यात्रियों की आवाजाही और प्रतीक्षा के लिए प्लेटफॉर्मों पर 108 मीटर चौड़े एयर प्लाजा का निर्माण कराया जाएगा। बेहतर पार्सल, आरएमएस के अलावा प्रत्येक प्लेटफॉर्म पर लिफ्ट, एस्केलेटर और सीढ़ी, बिल्डिंग में फायर फाइटिंग सिस्टम और सौर सिस्टम भी होगा। कैटरिंग, वॉशरूम, पीने के पानी, एटीएम, इंटरनेट के साथ दिव्यांगों के अनुकूल सुविधाएं, ग्रीन ऊर्जा के लिए स्टेशन भवन पर सौर पैनल होंगे। इसके अतिरिक्त भी कई सुविधाएं होंगी।
यात्रियों को एयरपोर्ट की तर्ज पर मिलेंगी सुविधाएं
यात्रियों को यहां एयरपोर्ट की तरह लग्जरी सुविधाएं मिलेंगी। एक नंबर प्लेटफॉर्म की लंबाई चंद्रलोक गुमटी की ओर 90 मीटर बढ़ाई जाएगी। रिजर्वेशन काउंटर से लेकर एएसएम काउंटर तक की वर्तमान बिल्डिंग को तोड़ कर एयर कॉनकोर बनाया जाएगा। दूसरे चरण में रेल थाना से आगे एईएन कार्यालय तक की बिल्डिंग को तोड़ कर मल्टीस्टोरी पार्किंग और अन्य बिल्डिंग बनाई जाएगी। सर्कुलेटिंग एरिया में बस पार्किंग के साथ एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जाएगा।
Source : Hindustan
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