कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर एसकेएमसीएच प्रशासन के दावे हकीकत से कोसों दूर हैं। हालत इतनी खराब है कि एसकेएमसीएच पहुंचने वाले गंभीर मरीजों को तत्काल बेड व ऑक्सीजन तक नहीं मिल पाता। मरीज के परिजन ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को ढूंढने निकलते हैं तो इसमें घंटों लग जाते हैं। ऑक्सीजन के लिए तड़पते मरीज की हालत क्या होती होगी, जब औपचारिकता पूरी करने व ऑक्सीजन मिलने में ही घंटों लग जाते हैं। मरीज की मौत के बाद भी उनके परिजनों की दुश्वारियां कम नहीं होती हैं। शव को डेथ बैग में पैक करने के लिए पैसे मांगे जाते हैं। लाचार और गरीब परिजन पैसे देने में असमर्थ होने पर खुद की शव लेकर चले जाते हैं। हालांकि, एसकेएमसीएच अधीक्षक इस तरह की किसी घटना से इनकार करते हैं, लेकिन परिजनों के बनाए गए वीडियो में दिया गया बयान इसकी बात की चुगली करता है कि गड़बड़ी के बावजूद दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।

केस नंबर- 1 मीनापुर के नंदन गांव निवासी चंदन राय को गंभीर हालत में मंगलवार की सुबह साढ़े आठ बजे एसकेएमसीएच लाया। ऑटो से किसी तरह उतारकर परिजनों ने वार्ड के बाहर लेटा दिया। इसके बाद पता चला कि वार्ड में स्टाफ व डॉक्टर ही नहीं है। एक तरफ मरीज की सांसें उखड़ रही थीं, दूसरी तरफ परिजन मेडिकल स्टाफ को खोजने में लगे थे। परिजन विकास ने बताया कि सुबह 10:37 बजे उन्हें भर्ती किया गया। ऑक्सीजन लेवल इतना कम था कि डॉक्टर ने बाहर से ऑक्सीजन लाने की सलाह दी। बाहर से ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं हो पाया तो पाइपलाइन का ऑक्सीजन लगाया गया। पाइपलाइन के ऑक्सीजन का फ्लो बेहद कम था और उनके ऑक्सीजन की जरूरत पूरी नहीं हुई। आखिरकार शाम चार बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। एसकेएमसीएच के पास कहने के लिए तर्क है कि उसे ऑक्सीजन दिया गया, लेकिन वह पर्याप्त नहीं था।

केस नंबर- 2 कोविड वार्ड में शहर के बालूघाट के एक मरीज की मौत मंगलवार की सुबह करीब साढ़े चार बजे हो गई। जब परिजन एसकेएमसीएच पहुंचे तो उन्हें इसकी जानकारी मिली। इसके बाद घंटों शव पड़ा रहा, लेकिन वार्ड से बाहर तक नहीं निकाला। शव निकालने के लिए ट्रॉली तक नहीं दी गई। परिजन राम प्रवेश गुप्ता ने खुद शव निकाला। रामप्रवेश गुप्ता ने ऑन रिकॉर्ड बताया कि शव पैक करने के लिए उनसे पांच हजार रुपये की मांग की गई। वह बताते हैं कि लॉकउाउन में लोगों के पास खाने के लिए पैसे नहीं हैं। लाश पैक कराने के लिए पांच हजार रुपये कहां से लाते। थक- हारकर बिना र्पैंकग के ही शव लेकर बाहर निकल गए। एसकेएमसीएच में इस तरह की कुव्यवस्था से अन्य मरीजों के भी परिजन पूरी तरह लाचार व बेबस हैं।

सुबह नौ बजे से शाम सात बजे तक मैं एसकेएमसीएच में मौजूद था, लेकिन इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली है। परिजनों के बयान के आधार पर जांच की जाएगी। शिकायत सही मिलने पर कार्रवाई होगी।
-डॉ. बीएस झा, अधीक्षक, एसकेएमसीएच

Input: Live Hindustan

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD