ब्लैक फंगस का प्रकोप बढ़ने लगा है। गुरुवार को पटना एम्स से लौटे दूसरे मरीज का भी एसकेएमसीएच के डॉक्टरों की टीम ने सफल ऑपरेशन किया। दो घंटे तक एसकेएमसीएच के ट्रॉमा सेंटर में आपरेशन चला। इसके बाद उसे आईसीयू वार्ड में रखा गया है। मरीज की हालत गंभीर बनी हुई है। पीड़ित मरीज एसकेएमसीएच के मुख्य द्वार के पास का है। वह देवेंद्र प्रसाद साह का पुत्र मुकेश कुमार है।
डायबिटीज का मरीज है। पिछले दो सप्ताह से उसका इलाज पटना एम्स में चल रहा था। जांच के बाद उसमें ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई। इसके बाद पटना एम्स में जगह नहीं मिलने पर परिवार के लोगों ने एसकेएमसीएच में भर्ती कराया।अस्पताल अधीक्षक डॉ. बाबू साहेब झा ने कहा मरीज की हालत को देखते हुए डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई।
टीम में न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक कर्ण, ओन्को सर्जन डॉ. बुरहानुद्दीन, डॉ. मृणालिनी रमन और ईएनटी सर्जन डॉ. सुजीत कुमार के साथ एनेस्थेटिस्ट डॉ. प्रवीण कुमार सिंह, जनरल सर्जन डॉ. भारतेंदु कुमार, विजय भारद्वाज और डॉ. कृष्ण कुमार को शामिल करते हुए मरीज का तुरंत ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया। दो घंटे तक ऑपरेशन चला और उत्तर बिहार के एसकेएमसीएच में ब्लैक फंगस का दूसरा सफल ऑपरेशन रहा।
बुधवार को भर्ती मधुबनी के मरीज की हालत नाजुक
एक दिन पहले भर्ती मधुबनी के बासोपट्टी के ब्लैक फंगस की मरीज स्नेहा चौधरी की हालत नाजुक है। चिकित्सकों की निगरानी में इलाज चल रहा है। अबतक एसकेएमसीएच में ब्लैक फंगस के चार मरीज भर्ती हो चुके हैं। जिसमें दो मरीज का ऑपरेशन हुआ। एक की मौत इलाज के दौरान हो गई। एक मरीज ब्लैक फंगस वार्ड संख्या पांच में इलाज को भर्ती है।
ओपीडी में भी बढ़ने लगे इसके मरीज
एसकेएमसीएच ओपीडी में भी ब्लैक फंगस के मरीज बढ़ने लगे हैं। गुरुवार को दो दर्जन से अधिक मरीज पहुंचे। इसमें एक महिला और पुरुष में ब्लैक फंगस से जुड़े लक्षण मिले। डॉक्टर ने कहा है कि प्राथमिक लक्षण मिलने पर दवा से बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। ओपीडी में अबतक तीन मरीजों में ब्लैक फंगस के लक्षण सामने आ चुके हैं।
Source : Dainik Bhaskar