शहर स्मार्ट सिटी में शामिल हाे चुका है। इसके लिए हुई प्रतियाेगिता के समय शहरवासियाें काे माॅडर्न मल्टी स्टाेरी पार्किंग का सपना भी दिखाया गया। अगस्त 2015 में इसे लेकर केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय काे रिपाेर्ट भेजी गई थी। 2017 में शहर देश की 100 स्मार्ट सिटी में शामिल हाे गया। लेकिन, मल्टी स्ट्राेरी पार्किंग का ड्रीम प्राेजेक्ट फाइलाें में ही गुम हो गया। बल्कि, वर्षों पुरानी वाहन पार्किंग की समस्या का आज तक किसी ने निदान नहीं किया। आज भी स्मार्ट सिटी मुजफ्फरपुर में फ्लाईअाेवर, मुख्य सड़काें व बीच चाैराहाें पर गाड़ियां लगाई जाती हैं। घर से निकलने पर लोगों को वाहन लगाने के लिए ही सर्वाधिक परेशानी झेलनी पड़ती है। शहर पर वाहनाें का दवाब बढ़ रहा है, लेकिन उनकी पार्किंग के लिए कहीं जगह नहीं है। सड़कों पर वाहन लगाने का आलम यह है कि शहर की हृदयस्थली कल्याणी चाैक से माेतीझील की 60 फीट चौड़ी सड़क दिन में 20 फीट ही दिखती है।

11 हजार 4 चक्का गाड़ियां और हजारों बाइक प्रतिदिन गुजरतीं

3800 व्यावसायिक वाहन

6700 से अधिक ऑटो

हजार से अधिक ई-रिक्शा 

स्टैक पार्किंग पर भी नहीं हुआ काम 

कम स्पेस में अधिक गाड़ियां खड़ी करने के लिए जनवरी में स्टैक पार्किंग की याेजना बनी थी। लोहे के ब्लॉक जोड़कर पार्किंग बननी है। इसमें स्वचालित पॉवर लिफ्ट मशीन होती हैं। यह याेजना भी फिलहाल ठंडे बस्ते में है।

Input : Dainik Bhaskar

 

 

 

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