बिहार में पूरी आस्था के साथ छठ महापर्व मनाया जा रहा है. छठ व्रती अपने परिजनों और बच्चों के लिए मंगलकामना लिए 36 घंटे का निर्जला उपवास रख रही हैं. वहीं दूसरी ओर नालंदा से एक ऐसी ख़बर सामने आ रही है जो रिश्तों को श’र्मसार करती है. छठ में माताएं अपने बच्चों की सुख, शांति और लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं.
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लेकिन नालंदा में एक बेटा ऐसा भी है जिसने उसी मां को घर से निकाल दिया है जो उसकी लंबी आयु और तरक्की के लिए व्रत और पूजा करती है.
छठ पूजा से कुछ दिन पहले बेटे ने मां को निकाला घर से
नालंदा में एक बेटे ने छठ पर्व से कुछ दिन पहले उसी मां को धक्के देकर घर से निकाल दिया जो मां भूखी रहकर उसके लिए छठ पूजा करती है. बेटे द्वारा घर से निकाले जाने के बाद मां दर-दर ठोकरें खाने को मजबूर है. लेकिन फिर भी उस ममतामयी मां ने लोगों से मदद मांगकर उसी नालायक बेटे के लिए भूखे-प्यासे रहकर छठ का व्रत रखा है.
पूरा मामला नालंदा जिले के बिहारशरीफ शहर के नई सराय मोहल्ले का है. बेघर होने के वावजूद ममतामयी मां बिहारशरीफ के एसडीओ कार्यालय परिसर के खुले आसमान में पुत्र और पूरे परिवार की सलामती के सच्ची श्रद्धा और लगन से छठ पूजा कर रही है. गौरतलब है कि सोना देवी नई सराय में पिछले कई सालों से रह रही थी. लेकिन उसके बेटे और बहू ने पारिवारिक कलह के कारण परिवार के कई सदस्यों को घर से बाहर निकाल दिया. जिसके बाद वह पिछले कई दिनों से एसडीओ कार्यालय परिसर में ही रह रही है.
फूल बेचकर सोना देवी कर रही गुजारा
सोना देवी घूम-घूम कर लोगों को फूल बेचती है और उससे जो भी पैसे मिलते हैं उससे वह अपने परिवार का भरण-पोषण करती है. सोना देवी ने बताया कि इस बार वह छठ पूजा घर में करना चाहती थी लेकिन बेटे-बहू के द्वारा उन्हें घर से धक्के मार कर भगा दिया गया. इसके बाद भी छठव्रती सोना का जज्बा छठ पूजा के प्रति कम नहीं हुआ. सोना देवी एसडीओ कार्यालय परिसर में ही छठ पूजा कर रही है. इसमें आसपास के लोग बढ़-चढ़कर उनकी मदद भी कर रहे हैं.
Input : Live Cities