गोला रोड स्थित दुर्गा मंदिर में शेर पर सवार मां दुर्गा की संगमरमर की प्रतिमा स्थापित है। यह माता के भक्तों के लिए आस्था का केन्द्र है। यहां नवरात्रि में सबसे अधिक भक्तों की भीड़ उमड़ती है। सुबह में पूजा में तो शाम में आरती में आसपास के अलावा दूरदराज के श्रद्धालु भी शामिल होते हैं। इस बार मंदिर में बिजली की भव्य सजावट करने के लिए कोलकाता से कारीगरों को बुलाया गया है।

कहा जाता है कि जब इस मंदिर में मां दुर्गा की प्राण-प्रतिष्ठा की गई तब उनका मुख खुद ही दक्षिण की दिशा की ओर मुड़ गया था। यहां मां दुर्गा की वैष्णो विद्या से आराधना की जाती है। सच्चे मन से मन्नत मांगने पर मां अवश्य पूरी करती है। मां को जोड़ियां जोड़ने वाली वरदान की देवी भी कहा जाता है। जिनकी शादी में अड़चन आती है तो वह मां के दरबार में आते ही खत्म हो जाती है। मां श्रद्धालुओं का हर मनोरथ पूरा करती है।

100 वर्ष पूर्व मंदिर की हुई थी स्थापना

नवरात्र के दौरान मंदिर में काफी रौनक रहती है। सुबह-शाम मां दुर्गा की पूजा कर भव्य आरती की जाती है। भक्तों के जलाये दीप से मंदिर नवरात्रि में जगमगाते रहता है। पूजा में सहयोग करने के लिए कामाख्या से सात पंडितों को बुलाया गया है। वे विधि-विधान व पूरे मंत्रोच्चारण के साथ पूजा संपन्न कराएंगे।

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