शहर की सड़कों एवं गली-मोहल्लों को रोशन करने के लगीं एक हजार से अधिक वेपर लाइटें अपनी रोशनी खो चुकी हैं। उनकी मरम्मत के लिए आम जनता से लेकर वार्ड पार्षद तक निगम प्रशासन एवं एनर्जी एफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड (ईईएसएल) का दरवाजा खटखटा रहे हैं। लेकिन, किसी की नींद नहीं खुल रही। इससे पार्षदों में आक्रोश है। सोमवार को उन्होंने निगम बोर्ड की बैठक में खराब वेपरों की मरम्मत नहीं होने पर न सिर्फ नाराजगी व्यक्त की, बल्कि निगम प्रशासन से एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

शहर में लगी हैं 18 हजार से अधिक वेपर लाइटें: नगर विकास विभाग की पहल पर बीते वर्ष शहर की सड़कों को एलईडी लाइट से रोशन करने के लिए ईईएसएल से करार हुआ था। 6 फरवरी 2018 को हुए करार के बाद ईईएसएल ने शहर में 14 हजार से अधिक एलईडी वेपर लाइटें लगाईं। वहीं निगम की 3332 वेपर लाइटें भी सड़कों पर लगी हैं।

ईईएसएल को सात साल तक करना है वेपर लाइटों का रखरखाव: एकरारनामा के अनुसार शहर में लगीं सभी वेपर लाइटों का सात साल तक रखरखाव भी ईईएसएल को ही करना है। शिकायत मिलते ही खराब वेपर लाइटों की मरम्मत का काम करना है। लेकिन, ऐसा नहीं हो रहा। एजेंसी इनकी मरम्मत नहीं करा रही है। पार्षदों की नाराजगी व नगर आयुक्त की चेतावनी के बाद भी खराब वेपरों की मरम्मत नहीं हो पा रही है।

करार का उल्लंघन, नहीं लग रहा जुर्माना: एलईडी लाइट लगाने एवं उसके रखरखाव के लिए निगम को 17.84 करोड़ रुपये ईईएसएल को भुगतान करना है। निगम इसकी प्रक्रिया में लगा है, लेकिन करार के विपरीत एजेंसी खराब वेपरों की मरम्मत नहीं कर रही है। करार के अनुसार यदि एजेंसी शिकायत के 72 घंटे के अंदर कार्य नहीं कराती तो जुर्माना भरना पड़ेगा। लेकिन, अब तक जुर्माना वसूल नहीं किया गया।

 

ईईएसएल के पदाधिकारी को बुलाकर नाराजगी जताई गई है। पार्षदों की शिकायत के तुरंत बाद खराब वेपरों की मरम्मत के लिए कहा गया है। यदि एजेंसी ने अपना काम सुचारु रूप से नहीं किया तो एकरारनामा की शर्तो के अनुसार कार्रवाई होगी ।– मनेश कुमार मीणा, नगर आयुक्त

शिकायत के बाद भी ईईएसएल खराब वेपर लाइटों की मरम्मत नहीं कर रही। इससे लोगों में नाराजगी है। नगर आयुक्त को एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई को कहा गया है। दीपावली के पूर्व खराब वेपरों को ठीक कराने को कहा गया है।

-सुरेश कुमार, महापौर

 

रखरखाव की जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रही ईईएसएल, शिकायतों की हो रही अनदेखी

शहर में 18 हजार एलईडी वेपर लाइट लगी हैं, सात साल तक एजेंसी को करना है रखरखाव

Input : Dainik Jagran

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