मुजफ्फरपुर। नगर निगम क्षेत्र में भूमिगत जल का अवैध दोहन रोकने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। बुधवार को नगर निगम कार्यालय में आयोजित विशेष बैठक में नगर आयुक्त विक्रम विरकर ने सर्विसिंग सेंटर मालिकों और जल व्यवसायियों के साथ भूमिगत जल के दोहन पर विस्तार से चर्चा की।

नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि लगातार गिरते भूजल स्तर और पीने के पानी की बढ़ती समस्या को देखते हुए अवैध जल दोहन पर अब कठोर कदम उठाए जाएंगे। निगम क्षेत्र में बिना निबंधन और लाइसेंस के पानी खींचने वालों के विरुद्ध नगरपालिका अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना भी लगाया जाएगा।

बैठक में बताया गया कि मुजफ्फरपुर शहरी क्षेत्र में फरवरी-मार्च से ही भूजल स्तर में गिरावट दर्ज की जा रही है। इससे न सिर्फ पेयजल संकट उत्पन्न हो रहा है, बल्कि भविष्य में गंभीर जल संकट की आशंका भी बन रही है। नगर आयुक्त ने कहा कि जितना पानी हम जमीन से निकालते हैं, उतना ही या उससे अधिक पानी हमें पुनः भूमि में रिचार्ज करना चाहिए। यह सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।

नगर निगम क्षेत्र में वर्तमान में सिर्फ 70 जल व्यवसायियों और सर्विसिंग सेंटरों ने ही निबंधन कराया है, जबकि बड़ी संख्या में लोग बिना पंजीकरण के व्यवसाय चला रहे हैं। यह न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है बल्कि पर्यावरण के लिए भी घातक है। प्रशासन ने निर्देश दिया है कि 22 मई 2025 तक सभी संबंधित व्यवसायी और सेंटर मालिक अनिवार्य रूप से अपना निबंधन नगर निगम में कराएं और उसकी लिखित रसीद प्राप्त करें। निर्धारित तिथि के बाद बिना निबंधन पाए जाने पर नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में जल संघ के अध्यक्ष दिलीप कुमार और मैकेनिक संघ के अध्यक्ष शहनवाज हुसैन नौशाद ने भरोसा दिलाया कि वे नगर आयुक्त द्वारा दी गई जानकारी को अपने स्तर से सभी व्यवसायियों और कर्मचारियों तक पहुंचाएंगे।

इस बैठक में राकेश कुमार अग्रवाली, अभय कुमार, मो. शाकिर, प्रमोद कुमार, विजय कुमार के साथ नगर निगम के उप नगर आयुक्त सोनू कुमार राय, सहायक अभियंता अरुणिमा राज, कनीय अभियंता गौरव कुमार, जल कार्य शाखा के प्रभारी निहाल कुमार, पाइपलाइन निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार पांडेय और जगबली भगत भी शामिल रहे।

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