आमतौर जब भी कोई सिविल सर्विसेज जैसी परीक्षा में सफलता हासिल करता है तो ऐसा माना जाता है कि वो शख्स पढ़ाई में बेहतर ही होगा. सामान्य रूप से यही धारणा होती है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि कोई ऐसा जो स्कूल से लेकर कॉलेज के दिनों में पढ़ाई में औसत हो. 12वीं में 48 फीसदी अंक आए हो और फिर वो शख्स एक दिन प्रादेशिक लोक सेवा आयोग की परीक्षा क्रैक कर ले तो हैरानी तो होगी.अपनी कामयाबी से हैरत में डालने वाली इस लड़की का नाम है अनु भारती.
अनु बिहार के सहरसा जिले से ताल्लुक रखती हैं. वो बचपन से पढ़ाई में अच्छी नहीं थीं, लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे खुद में सुधार किया और स्टडी में बेहतर किया. इसकी नतीजा ये हुआ कि टॉपर्स की लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराया.
फेल होने पर टूट गई थीं अनु
अनु भारती ने पढ़ाई में खुद को बेहतर कर लिया था लेकिन जब वो 12वीं में पहुंची तो उनके महज 48 फीसदी नंबर आए थे. इसकी वजह से अनु बुरी तरह टूट गई थीं. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर अब वो क्या करें.
IIT और NIT में नहीं हुआ सेलेक्शन
अनु के कम नंबर आने पर भी उनके पिता उन्हें इंजीनियरिंग कराना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने बकायदा अनु को कोचिंग में एडमिशन दिला दिया. लेकिन यहां भी अनु बुरी तरह फेल हो गईं. लगातार तीन प्रयास के बाद भी जब अनु को सफलता नहीं मिली तो वो बुरी तरह हताश हो गई थीं.
बेवकूफ बुलाते थे लोग
अनु ने एक इंटरव्यू में बताया कि, लोग उन्हें बेवकूफ कहा करते थे. वो लोगों की बातों से इतना परेशान हो गई थीं कि उन्होंने हंसना छोड़ दिया था. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करें. बस एक बात ये थी कि उन्होंने ऐसे हालातों में भी खुद को मजबूत बनाए रखा.
फूड टेक्नोलॉजी में की इंजीनियरिंग
अनु ने इन सब के बीच भी अपनी पढ़ाई जारी रखी. उन्होंने जादवपुर यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया. यहां से उन्होंने फूड टेक्नोलॉजी और बायो केमिकल इंजीनियरिंग की. कॉलेज के दौरान उन्होंने तय किया कि वो खुद में बदलाव लाएंगी.
जॉब छोड़ शुरू की BPSC की तैयारी
अनु को इंजीनियरिंग करने के बाद एक सॉफ्टवेयर कंपनी में नौकरी मिल गई. इस दौरान उन्हें लगा कि वो डेस्क पर बैठकर काम नहीं कर सकतीं. बस यहीं से उन्होंने अपने पिता को बताया कि वो BPSC की तैयारी करना चाहती हैं. उन्होंने पिता को बताया कि वो बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में बैठना चाहती हैं.
पिता को नहीं था भरोसा
अनु की तैयारी के सवाल पर पिता हैरान रह गए थे. पिता ने उनसे सवाल किया कि क्या वो उतनी मेहनत कर पाएंगी. हालांकि अनु मन बना चुकी थी, जिसके बाद उन्होंने तैयारी शुरू कर दी.
मेहनत रंग लाई
आखिरकार कड़ी मेहनत और दोस्तों से मिली हौसलाअफजाई के दम पर अनु ने अपनी पहली कोशिश में ही सफलता हासिल कर ली थी. उन्होंने बीपीएससी की परीक्षा में 63वीं रैंक हासिल की. अनु के मुताबिक किसी भी परीक्षा की सफलता आपकी मेहनत तय करती है.
Input : News18