सीतामढ़ी। जम्मू-कश्मीर के कूपवाड़ा में आ’तंकियों से मु’ठभेड़ में श’हीद सुशील कुमार सिंह का पा’र्थिव शरीर शनिवार सुबह उनके गांव मेजरगंज थाने के डुमरी कला लाया गया। शुक्रवार को विशेष विमान से पा’र्थिव शरीर के पटना लाए जाने पर वहां श’हीद को सलामी दी गई।

आज सुबह शहीद का शव गांव पहुंचते ही लोगों का तांता लगा हुआ है। मेजरगंज बाजार स्वत: स्फूर्त बंद है। लोग पुष्पांजलि के लिए कतारबद्ध खड़े हैं। पुलिस प्रशासन और एसएसबी के जवान भी सलामी देने पहुंचे हैं। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अपने तो अपने, गैरों के भी निकल रहे आंसू। सुशील की शहादत की खबर मिलते ही शोक की लहर दौड़ पड़ी है।

लखनऊ होते हुए पटना पहुंचा

गुरुवार की सुबह से मिलने व ढांढस बंधाने आम वो खास समेत जनप्रतिनिधियों का तांता लगा हुआ है। रीगा में स्थानीय विधायक अमित कुमार टून्ना, सामाजिक कार्यकर्ता पप्पु पासवान समेत बड़ी संख्या में लोगों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इससे पहले शहीद के घर शुक्रवार पूरे दिनभर जनप्रतिनिधियों व आम लोगों का तांता लगा रहा। सांसद सुनील कुमार पिंटू, जदयू के जिलाध्यक्ष राणा रणधीर सिंह चौहान, सुप्पी के पूर्व प्रमुख अरुण कुमार सिंह ने शोक संतप्त शहीद के पिता नवीन सिंह को ढांढस बंधाया। उधर, प्रखंड प्रमुख राकेश कुमार सिंह के नेतृत्व में डुमरी कला से डुमरी खुर्द तक कैंडल मार्च निकाला गया। शहीद के पिता ने बताया कि शव श्रीनगर से शुक्रवार को हवाई मार्ग से लखनऊ होते हुए पटना पहुंचा। रात में दानापुर कैंट में सलामी दी गई।

आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए सुशील

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के कूपवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ में मेजरगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले आर्मी जवान सुशील कुमार सिंह शहीद हो गए हैं। डुमरी कला गांव के रहने वाले सुशील कुमार सिंह की शहादत की सूचना कर्नल ने फोन पर घर वालों को दी है। इसी माह के पहले हफ्ते सुशील जालंधर से श्रीनगर ट्रांसफर होकर आए थे। बीते 6 फरवरी को वे गांव से ड्यूटी ज्वाइन करने रवाना हुए थे। वर्ष 2015 में सुशील ने आर्मी ज्वाइन की थी। 20 मई, 2019 को शादी हुई थी।

 

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