अगर सच्चे मन से कोई प्रयास किया जाए, तो सफलता इंसान के कदम चूमती है. कुछ ऐसा ही हुआ है बिहार के मोतिहारी के रहने वाले सुशील कुमार के साथ. पहले कौन बनेगा करोड़पति यानी KBC में उन्होंने पांच करोड़ रुपये की इनामी राशि जीतकर पूरे देश मे सनसनी मचा दी थी. इसके चलते वह रातों रात स्टार बन गए थे. वहीं, इस बार पहले ही प्रयास में वह बीपीएससी शिक्षक बन गए हैं.

बिहार बीपीएससी की परीक्षा में सूबे में उन्होंने 119वीं रैंक हासिल की है. केबीसी में अमिताभ बच्चन के 15 सवालों का सवालों का बेबाकी से सुशील कुमार ने जवाब दिया था. इसके चलते उन्होंने उस शो में पांच करोड़ रुपए की राशि जीती थी. अब बन बीपीएससी की परीक्षा पास करके वह बन गए हैं गुरुजी.

किसी ने सच ही कहा है कि जीवन में किसी भी लक्ष्य को निर्धारित करते ही हमें जीवन की एक दिशा और उद्देश्य दोनों ही मिल जाते हैं. जबकि इसके बगैर जीवन व्यर्थ लगता है. मनरेगा के कंप्यूटर ऑपरेटर से करोड़पति बनने का सफर तय करने वाले सुशील कुमार ने बीपीएससी शिक्षक बनकर “लक्ष्य और सफलता”, दोनों हासिल करने का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है.

करोड़पति बनने के बाद पर्यावरण संरक्षण में जुटे

खास बात यह है कि करोड़पति बनने के बाद भी सुशील कुमार ने बिना किसी तामझाम के ‘सादा जीवन, उच्च विचार’ की कहावत को चरितार्थ किया. उन्होंने समाज के लिए कुछ करने की मंशा से पर्यावरण संरक्षण के दिशा में काफी काम किए. इसमें उनके द्वारा चलाया गया ‘गौरैया संरक्षण अभियान’ और ‘चंपा से चंपारण’ अभियान पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना.

फिर जागी पढ़ने की इच्छा और बन गए टीचर

जीवन में कई तरह के उतार चढ़ाव को देखने वाले सुशील कुमार को इसी बीच इन्हें पढ़ने की फिर से इच्छा जागी. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में वापस लौटने का लक्ष्य तय किया. इसके लिए स्वअध्ययन में समय देने लगे. इसी महीने मनोविज्ञान विषय में P.HD करने के लिए उनका चयन बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में हो गया. आज BPSC की शिक्षक परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ, तो कक्षा 6-8 में Rank-1692 और 10+2, Rank-119, Subject – Psychology, दोनों में ही उनका चयन हो गया है.

पर्यावरण के संबंधों पर करेंगे पीएचडी

सुशील एक अच्छे शिक्षक के रूप में अपनी भूमिका देखते हैं. साथ ही मनोविज्ञान के मानव व्यवहार और पर्यावरण के संबंधों के विषय में वह पीएचडी भी करने जा रहे हैं. सुशील कुमार ने बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में हुए बड़े बदलाव के लिए बिहार सरकार की काफी सराहना की.

उन्होंने कहा कि इंसान चाहे, तो क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है. इसका जीवंत उदाहरण बिहार सरकार के शिक्षा सचिव केके पाठक हैं, जिन्होंने यह साबित कर दिया है कि ईमानदारी से प्रयास किया जाए, तो कुछ भी संभव है.

कंगाल होने की खबरों को बताया अफवाह

सुशील कुमार ने बताया कि पिछलों दिनों खबर उड़ी थी कि मैं कंगाल हो गया हूं. यह महज अफवाह है. केबीसी जीतने के बाद मिले पैसे कहीं नहीं गए हैं. सभी पैसे सुरक्षित जगह पर हैं और चिंता करने की कोई बात नहीं है. वे कहते हैं कि यदि पैसे खत्म हो गए होते, तो वे समाजसेवा सहित अन्य सामाजिक कार्य कैसे करते.

Source : Aaj Tak

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