बिहार के छपरा में हुए शराब कांड के बाद उठा सियासी तूफान थमने का नाम नही ले रहा हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने इस मुद्दे पर आज प्रेस कांफ्रेंस की।मीडिया से बात करने के दौरान सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के सहयोगी पीड़ित परिवार के को मुआवजा देने के लिए दवाब बनाएं। ताकि हो सकता हैं कि दवाब में आकर नीतीश कुमार मुआवजा दे दें। यदि पीड़ितों को मुआवजा मिलता हैं तो हम उन्हे ही क्रेडिट देंगें उन्होंने मांझी और वाम दल की खामोशी पर सवाल उठाते हुए कहा कि वो लोग खामोश क्यों है? शराबबंदी का निर्णय नीतीश का व्यक्तिगत निर्णय था।निर्णय लेने के बाद सब लोगों से सहमति ली गई।
इस दौरान सुशील मोदी ने ये भी कहा कि वो ये नही कह रहे की शराबबंदी हटा दिया जाए लेकिन शराबबंदी का गुजरात मॉडल हो या बिहार मॉडल उसकी समीक्षा तो होनी चाहिए। नीतीश कुमार ने समीक्षा करके ही 6 साल में कानून में कई संशोधन किया।
सुशील मोदी ने आगे कहा कि कल मैंने छपरा जाकर जहरीली शराब कांड से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। वहां मृतकों की संख्या 100 पार कर चुका है। सरकार आंकड़ों को छुपा रही है। इसका एक बड़ा कारण है कि लोगों ने बिना पोस्टमार्टम कराए शवों को जला दिया।अगर सरकार ने अस्पतालों में अच्छी व्यवस्था की होती तो काफी लोगों को बचा लिया जाता। अगर किसी व्यक्ति ने थोड़ी शराब पी ली तो उसे मरने दिया जाए, नीतीश जी ये आपकी नैतिकता नहीं हो सकती।