एसवीयू (विशेष निगरानी इकाई) की टीम ने 1998 बैच के बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा से 4 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। वर्तमान में वे स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में आईजी के पद पर तैनात हैं।

पटना के दारोगा राय पथ स्थित एसवीयू के कार्यालय में ही उनसे पूछताछ की गई। इस दौरान उनसे आय से अधिक संपत्ति के स्रोत से जुड़े कई सवाल पूछे गए। वेब सीरिज बनाने के लिए करोड़ों रुपये का इंतजाम करने से संबंधित भी सवाद दागे गए। साथ ही सरकारी पद के दुरुपयोग से जुड़े कई पहलुओं पर भी सघन पूछताछ की गई। इस दौरान उनसे कई प्रश्नों के जवाब लिखित में भी लिए गए। जबकि शेष सवालों के मौखिक जवाब दर्ज किए गए। हालांकि पूरे पूछताछ के दौरान वे अपने लगे इल्जाम को सिरे से खारिज करते रहे और जांच एजेंसी को ही फिर से जांच करने की सलाह देते रहे। आईपीएस लोढ़ा जब गया रेंज में आईजी के पद पर थे, तब उन पर पद का दुरुपयोग कर अवैध कमाई करने का आरोप लगा था। उन पर आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार से जुड़े कई आरोप लगे हैं, जिसकी जांच एसवीयू कर रही है। लोकसेवक अधिनियम की धारा 168 का उल्लंघन करते हुए आईपीएस के पद पर रहने के दौरान ही बिना सरकार से अनुमति लिए व्यवसाय कर मुनाफा कमाने का भी आरोप है। शुरुआती जांच में सभी आरोपों में दोषी पाए जाने के कारण ही उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

करोड़ों रुपये से अधिक खर्च करके वेब सीरिज खाकी द बिहार चैप्टर बनाई थी। इसे बनाने में उनकी भूमिका सीधे तौर पर नहीं है, लेकिन इसे बनाने वाली फ्राईडे स्टोरीटेलर्स एलएलपी नामक कंपनी के मालिकों के साथ उनके संबंध उजागर हुए हैं। आईपीएस की पत्नी के खाते में पैसे के लेनदेन की बात भी सामने आई है। इन सभी पहलुओं की जांच एसवीयू कर रही है। अमित लोढ़ा से अमित लोढ़ा से पूछताछ करने के लिए एसवीयू ने 7 नवंबर को ही नोटिस भेजा था, लेकिन वे किसी कारण से उपस्थित नहीं हो पाए थे।

Source : Hindustan

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