बिहार के मुजफ्फरपुर में एईएस से पीड़ित बच्चों की मौत का आकड़ा अब 175 पहुंच चुका है. इसको लेकर बिहार की सियासत गरमाई हुई है. मुजफ्फरपुर ही नहीं बिहार के कई जिलों में इसका प्रकोप देखने को मिला है. इसको लेकर मानसून सत्र में भी पक्ष और विपक्ष में खूब हंगामा जारी है. हालांकि मुजफ्फरपुर में राहत सामग्री देगी ताइवान की संस्था. एईएस पीड़ित परिवार के बीच इस राहत सामग्री को बांटा जाएगा. इस बात की जानकारी जिलाधिकारी ने दी दी. बता दें कि दो दिन बाद यह टीम आएगी मुजफ्फरपुर.

बताया जा रहा है कि ताइवान की संस्था मुजफ्फरपुर आएगी. और सभी बच्चों में राहत सामग्री बांटेगी. इसके साथ ही बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए अच्छा भोजन, स्वच्छ खाना का जायजा लेंगे. इसके साथ बच्चों को दिए जा रहे पानी का भी सर्वेक्षण करेंगे. इसके लिए मुजफ्फरपुर के डीएम ने मंजूरी दे दी है.

बता दें कि बिहार के उत्तरी हिस्से के मुजफ्फरपुर सहित कई जिलों में फैले एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) के कारणों का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की टीम मुजफ्फरपुर पहुंचकर जांच कर रही है. ये टीम वर्बल ऑटोप्सी के जरिए एईएस के कारणों की जांच करेगी.

इनमें वे पीड़ित बच्चे भी शामिल होंगे, जिनकी इस बीमारी से मौत हो गई है. इस टीम का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के सलाहकार डॉ अरुण कुमार सिन्हा इस पूरी प्रक्रिया को ‘वर्बल ऑटोप्सी’ कहते हैं.

Input : Live Cities

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