कहते हैं कि कुछ करने की चाह हो तो आपको कोई नहीं रोक सकता. ऐसा ही कुछ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के एक चायवाले की बेटी ने करके दिखाया है. हम बात कर रहे हैं आंचल गंगवाल (Aanchal Gangwal) की. आंचल के पिता सुरेश गंगवाल मध्य प्रदेश के नीमच में चाय की एक छोटी सी दुकान लगाते हैं. आंचल के पिता को अपनी बेटी पर बहुत गर्व है, क्योंकि अब वह इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) में फ्लाइंग ऑफिसर बन गई है.

aanchal gangwal become IAF flying officer, कुछ करने की चाह हो तो कोई नहीं रोक सकता, पढ़िए चाय बेचने वाले की बेटी कैसे बनी फ्लाइंग ऑफिसर

IAF के लिए छोड़ी दो सरकारी नौकरी

शनिवार को आंचल की एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया के सामने एयरफोर्स में कमिशनिंग हुई. आंचल समेत 123 कैडर को इंडियन एयरफोर्स में कमिशंड किया गया. ऑनलाइन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आंचल ने बताया कि कैसे एक छोटी से चाय की दुकान चलाते हुए उनके पिता ने उनकी और उनके भाई की हर जरूरत को पूरा किया. इंडियन एयरफोर्स में शामिल होने के लिए आंचल दो सरकारी नौकरी तक छोड़ चुकी हैं.

Madhya Pradesh tea seller's daughter gets IAF wings as top flying ...

आंचल कहती हैं कि वो शुरू से ही एक फाइटर बनना चाहती थीं. जब वो स्कूल में थीं, तभी उन्होंने फैसला कर लिया था कि वो डिफेंस में जाएंगी. आंचल ने कहा कि आज जब मैं ऑफिसर बन गई हूं तो सब असली लग रहा है. यह एक सपने के सच होने जैसा है. आंचल के लिए एयरफोर्स ऑफिसर बनने का दिन बहुत ही खास था, लेकिन इस खास मौके पर उनके माता-पिता वहां मौजूद नहीं थे.

गरीबी झेल चाय वाले की बेटी बनी फाइटर ...

हर रात इस दिन का सपना देखती थीं आंचल

कोरोनावायरस महामारी के कारण आंचल के माता-पिता डंडीगल एएफए में पासिंग आउट परेड में शामिल नहीं हो सके. आंचल ने कहा कि मैं लगभग हर रात इस दिन का सपना देखती थी. अपने माता-पिता के सामने इस यूनिफॉर्म में खड़ी हो सकूं, जिन्होंने मुझे यहां तक पहुंचाने के लिए हर कठिनाई का सामना किया. हालांकि, कोविड-19 के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाया. पर मैं खुश हूं कि वो टेलीविजन पर परेड सेरेमनी को देख पाए.

आंचल कहती हैं कि कभी भी उनके माता-पिता ने इस बात पर संदेह नहीं किया कि एक लड़की कैसे एयरफोर्स में शामिल होने के अपने सपने को पूरा करेगी. आंचल ने कहा कि जब मैंने अपने माता-पिता को अपने डिफेंस में जाने की बात बताई तो उन्हें थोड़ी सी चिंता हुई. पर उन्होंने कभी भी मुझे रोकने की कोशिश नहीं की. इतना ही नहीं, वो हमेशा मेरी जिंदगी में एक ढाल बनकर खड़े रहे.

फादर्स डे पर पिता को दिया सबसे कीमती तोहफा

वहीं जब आंचल के पिता सुरेश गंगवाल ने बेटी को टीवी पर मार्च पास्ट करते हुए देखा तो वह अपने आंसू रोक नहीं पाए. वो आंचल के फ्लाइट ऑफिसर बनने से काफी खुश हैं. उनका कहना है कि फादर्स डे के मौके पर इससे अच्छा तोहफा और क्या हो सकता है.

सुरेश गंगवाल ने कहा कि आंचल शुरू से पढ़ाई में अच्छी रही है. उसने बोर्ड परीक्षा में 92 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त किए थे. उन्होंने बताया कि एयरफोर्स में जाने की सबसे बड़ी प्रेरणा आंचल को तब मिली जब साल 2013 में उत्तराखंड में त्रासदी आई थी. उत्तराखंड में एयरफोर्स ने जिस तरह बहादुरी के साथ काम किया, उससे वह काफी प्रेरित हुईं और इंडियन एयरफोर्स ज्वॉइन करने की ठान ली.

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