डायरेक्टर कुमार नीरज की फिल्म ‘नफीसा’ का टीज़र रिलीज़ हो चुका है, जो मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस पर आधारित रियलिस्टिक फिल्म है। स्पार्क मीडिया के द्वारा प्रस्तूत की जाने वाली है।
जब भी हम बात बिहार की उस घटना की करते हैं जो शेल्टर होम से जुड़ी है, तो सभी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इस घटना ने न सिर्फ बिहार बल्कि देशभर को चौंका दिया था। बेटियों की पीड़ा और संघर्ष की ये कहानी बहुत जल्द ही बड़ी स्क्रीन पर लेकर आ रहे हैं लेखक-निर्देशक कुमार नीरज। फिलहाल इस फिल्म के जरिये कुमार नीरज की चर्चा भी खूब हो रही है।
टीजर में नफीसा की पीड़ा को दिखाया गया है जो मुजफ्फरपुर की उस काली रात और उस हादसे की याद दिलाती है। इस फिल्म में रोहित भारद्वाज, अक्षय वर्मा, निशाद राज राना, अनामिका पांडये , सान्या ठाकुर, शानिशा मोरया, उपासना रथ, मनीषा ठाकुर, राजूकुमार, राम सुजान सिंह, रतन रठोड़, शक्ति कुमार, रणवीर एस शेखावत, उर्जान इच्छापोरिया, हीना खान, दिव्या त्यागी, हंसिका जहांगीद, जय शुक्ला, नवनीत कुमार और जेबा खान अपनी अदाकारी का लोहा मनवाएंगे।
बकौल कुमार नीरज, जब मैंने इस घटना से संबंधित अखबार पढ़ी, तो मैं बहुत प्रभावित हुआ और मुझे लगा कि इस विषय पर बात होनी चाहिए और लोगों के बीच उस घटना की सच्चाई सामने लानी चाहिए, लेकिन ये इतना भी आसान नहीं था. मुझे इस फिल्म को लिखने में कई साल लगे। खूब रिसर्च हुई, पीड़ितों से मिले और उनके दर्द को खुद समझा, जिसे सुन और देख रोंगटे खड़े हो गए। उस घटना को कागज पर उतारने और फिर पर्दे पर लाने में मैंने कम पापड़ नहीं बेले हैं ।
सबसे खास बात ये कि नीरज ने इस फिल्म को लिखने में लेखनी की आजादी का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि जो सच है उसे हू-ब-हू लोगों के बीच ले जाने का प्रयास किया है। चूंकि ये एक फिल्म है इसलिए पात्रों के नाम जरूर बदल दिये गए हैं। सच्ची घटना ने सभी कलाकारों को भी खूब प्रेरित किया। कलाकारों ने श्रृंगार नहीं किया है बल्कि इस फिल्म को जीवंत बनाने की सभी ने कोशिश की है। इस फिल्म को बनाने में कुमार नीरज की इमानदारी और सच्चाई दिखती है। जो कि वो खुद भी कबूल करते हैं। नीरज कहते हैं कि ऐसी घटनाओं पर फिल्म बनाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होता, कई बाधाएं भी राह में मिलीं, लेकिन उन्होंने अपने कदम पीछे नहीं खींचे।
इस फिल्म को बनाने के पीछे निर्माता वैशाली देव का मकसद अपराध का महिमामंडन करना नहीं बल्कि नफीसा के जरिये एक संदेश देना है और लोगों को झकझोरना है। आंख खोल देने वाली इस फिल्म के पोस्टर लॉंच की चर्चा पूरे देश में हुई और अब जबकि टीजर लांच हुआ है तो लोगों ने इसे फिर से हाथोंहाथ लिया है।
फिल्म के कैमरामैन नजीब खान का हुनर भी इसमें साफ दिखता है। कहा जा रहा है कि ये फिल्म जब पर्दे पर आएगी तो सभी को झकझोर कर रख देगी। निर्माता वैशाली देव के अलावा सह निर्माता बीना शाह, मुन्नी सिंह और खूश्बू सिंह ने भी अपना योगदान खूब दिया है। गदर फेम कैमरामैन नजीब खान की चर्चा के साथ ही फिल्म में अपने स्टेप से चार चांद लगहाने वाले गणेश आचार्या का कोरियोग्राफ किया हुआ गाना भी आपको खूब पसंद आएगा।
इसके अलावा इस योजना को सफल बनाने और टीम का हौसला बढ़ाने को कार्यकारी निर्माता तेजस्विनी वाडेकर ,सुपर बाजिंग. प्रोडूसर प्रारब्ध श्रीवास्तव संपादक संजय सांकला और सहायक निर्देशक गोविंद कुमार के साथ दिव्या त्यागी भी हैं। इसके अलावा फिल्म में आपको रतन रवानी का गीत-संगीत भी सुनाई देंगे। संगीतकार हैं रोशन सिंह, गायक रितु पाठक के अलावे इशिता विश्वकर्मा और रौशन सिंह भी हैं। तो वहीं फिल्म के प्रोजेक्ट हेड अखिलेश तिवारी है।
निर्देशक कुमार नीरज का कहना है कि मजुफ्फरपुर की घटना के संबंध में अखबारों या इंटरनेट पर जो कुछ भी छपता है, उसे न दिखाकर फिल्म ने बालिका गृह के ऐसे सच को सामने लाने का काम किया है, जिसके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है। वहां किस तरह से लड़कियों का उत्पीड़न और शोषण किया जाता था। वहां रहने वाली लड़कियों को किस तरह की प्रताड़ना का सामना करना पड़ा, यह सब सच्चाई आपको कुमार नीरज की नफीसा दिखाने जा रही है।