बिहार सरकार ने स्कूली बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऑटो और ई-रिक्शा के जरिए उनके परिवहन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। यह प्रतिबंध 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा। परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। यातायात प्रभाग, बिहार पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।

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स्कूली बच्चों के परिवहन के लिए ई-रिक्शा और ऑटो पर रोक

सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि स्कूली छात्रों के लिए ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा का उपयोग प्रतिबंधित किया जाएगा। परिवहन विभाग की अधिसूचना संख्या-06/विविध (ई-रिक्शा)-07/2015 के तहत यह निर्णय लिया गया है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि ई-रिक्शा और ई-कार्ट का उपयोग स्कूली बच्चों के परिवहन के लिए नहीं किया जाएगा।

दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लिया गया फैसला

इस निर्णय को लागू करने से पहले, 21 जनवरी को प्रमुख समाचार पत्रों के माध्यम से आम जनता को सूचित किया गया था। इसके बावजूद, राज्यभर में अभी भी स्कूली बच्चों को ई-रिक्शा और ऑटो के जरिए स्कूल ले जाने का सिलसिला जारी है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है।

पटना में दिखेगा सबसे अधिक प्रभाव

इस नियम का सबसे अधिक प्रभाव राजधानी पटना में देखने को मिलेगा, जहां करीब 4,000 ऑटो और ई-रिक्शा स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने का कार्य करते हैं। पटना के डीटीओ उपेंद्र कुमार पाल ने पहले ही इस बात पर जोर दिया था कि ऑटो और ई-रिक्शा से बच्चों को स्कूल भेजना सुरक्षित नहीं है। वहीं, पटना ट्रैफिक एसपी ने इसे गैरकानूनी करार दिया है।

नियम तोड़ने पर होगी सख्त कार्रवाई

1 अप्रैल 2025 के बाद यदि कोई चालक इस नियम का उल्लंघन करता पाया गया, तो परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की ओर से उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे वाहनों को जब्त करने के साथ-साथ चालकों पर भी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

सरकार के इस फैसले का उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है। अभिभावकों को भी सलाह दी गई है कि वे अपने बच्चों के सुरक्षित परिवहन के लिए वैकल्पिक साधनों की व्यवस्था करें।

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