बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को खेलते-खेलते तीन बच्चे गंगा नदी में गिर गए। हादसा एलसीटी घाट पर हुआ। इनमें से एक बच्चे को स्थानीय लोगों ने तुरंत बचा लिया लेकिन दो अन्य डूब गए। उनमें से एक का शव बरामद कर लिया गया है। हादसे के तुरंत बाद राहत कार्य शुरू नहीं होने से स्थानीय लोग खफा हो गए और सड़क जाम कर दी। आक्रोषित लोगों ने आगजनी कर जमकर बवाल काटा। इस दौरान दीघा-गांधी मैदान रोड करीब 4 घंटे जाम रहा। पाटलिपुत्र थाना पुलिस मौके पर पहुंची किसी तरह लोगों को समझाकर शांत कराया।

जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को एलसीटी घाट पर एकाएक तीन बच्चे गंगा नदी में गिर गए। नदी में अचानक जलस्तर बढ़ने से यह हादसा हुआ। एक बच्चे को तो स्थानीय लोगों ने बचा लिया मगर अन्य दो बच्चे डूब गए। एसडीआरएफ की टीम ने कई घंटो तक खोजबीन के बाद एक बच्चे का शव नदी से बरामद कर लिया। उसके शव को पोस्टमार्टम के पीएमसीएच भेज दिया गया है। शनिवार को एसडीआरएफ की टीम दूसरे बच्चे की तलाश करेगी।

एसडीआरएफ देरी से पहुंची

लोगों का कहना है कि दोनों बच्चों के डूबने की सूचना देने के बावजूद समय रहते न तो गोताखोर पहुंचा और न ही एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया। इससे गुस्सा होकर उन्होंने सड़क जाम कर दी और आगजनी की।

थानेदार एसके शाही ने बताया कि आदित्य कुमार और गोलू कुमार अपने एक दोस्त दीपक के साथ एलसीटी घाट पर खेलने के लिए गए थे। घाट के पास एक छोटा सा छाड़न (नदी का सोता) है। उसके बीच से आने-जाने का रास्ता है। गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण सोता में भी पानी भर गया है। पानी भरने के कारण नदी और सोता का फर्क पता नहीं चल रहा। उसमें तेज धार भी है। बच्चों को इसका अंदाजा नहीं था। इसके बाद वे ठेला लेकर गंगा चैनल (सोता) को पार कर रहे थे। तभी तेज बहाव के कारण तीनों लड़के गंगा में डूब गए। किसी तरह दीपक लोगों ने दीपक को बचा लिया, लेकिन गोलू और आदित्य उसमें डूब गए।

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तीन घंटे तक नहीं शुरू हुआ बचाव कार्य

शुक्रवार की सुबह करीब आठ बजे एलसीटी घाट पर गंगा नदी में बच्चे डूबे। लोगों ने अपने स्तर से डूबे बच्चों को खोजने की कोशिश की। जब बच्चे नहीं मिले तो लोगों ने एसडीआरएफ को बुलाने के लिए स्थानीय थाने को फोन किया। तीन-चार घंटे बीत जाने के बावजूद जब एसडीआरएफ की टीम नहीं पहुंची तो लोग आक्रोशित हो गए।

घरों में मचा कोहराम

नदी में बच्चों के बहने की सूचना मिलते ही दोनों के घर में कोहराम मच गया। परिजनों के साथ-साथ आसपास के लोग भी भाग कर एलसीटी घाट पर पहुंचे। आदित्य और गोलू के घर में मातम पसर गया। दोनों बच्चों की मां सुधबुध खो बैठी थी। लोग उन्हें सांत्वना दे रहे थे। लोगों ने बताया कि दोनों के पिता किसान हैं। वे छोटे-मोटे रोजगार भी करते हैं। गोलू ने इसी वर्ष दसवीं कक्षा पास की थी। वहीं, आदित्य इंटरमीडिएट का छात्र था। इसके परिजन देर रात तक घाट किनारे बैठे रहे।

Source : Hindustan

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