उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के एक स्कूल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर लोगों को भावुक कर रही हैं. चंदौली के सरकारी कंपोजिट स्कूल के छोटे-छोटे बच्चे अपने टीचर को फेयरवेल देते वक्त रो पड़े हैं. कारण ये है कि इन बच्चों के शिक्षक का किसी दूसरे जिले में ट्रांसफर हो गया है. नन्हें से बच्चे अपने शिक्षक को जाने नहीं देना चाहते. शायद ये आंसू इसी इच्छा के पर्याय हैं.

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चंदौली जिले के चकिया स्थित कंपोजिट स्कूल के टीचर शिवेंद्र सिंह का ट्रांसफर अब दूसरे जिले में हुआ तो उनके स्टूडेंट्स की आंख में आंसू आ गए. शिवेंद्र सिंह बघेल 7 सितंबर 2018 से लेकर 12 जुलाई 2022 तक इस स्कूल में बच्चों को पढ़ाते रहे, शायद यही उनकी कमाई थी कि जब उनका ट्रांसफर हुआ तो बच्चे भावुक हो गए और गले लगकर रोने लगे. गांव के सामान्य घरों से आने वाले बच्चे अपने शिक्षक को जाने नहीं देना चाहते थे, लेकिन आना जाना तो नियम है. बच्चों को समझाते शिवेंद्र भावुक होकर इतना ही कह पाए कि मन से पढ़ना, खूब तरक्की करना.

हर किसी व्यक्ति के जीवन में माता-पिता के बाद अगर ईश्वर के बराबर किसी का स्थान है तो वो गुरु या शिक्षक का है. शायद यही वजह है कि एक छात्र का अपने शिक्षक के प्रति एक विशेष लगाव होता है. व्यक्ति के जीवन में एक समय ऐसा जरूर आता है, जब उसे अपने शिक्षक से अलग होना पड़ता और वो वक्त छात्र के लिए बहुत भावुक कर देने वाला होता है. बच्चों और उनके टीचर के बीच अटूट प्रेम की भावविभोर कर देने वाली तस्वीरें उत्तरप्रदेश के चंदौली जिले से सामने आई है.

शिक्षक शिवेंद्र सिंह बघेल, कंपोजिट विद्यालय रतिगढ़, चकिया में कार्यरत थे, लगभग 4 साल यह यहां बच्चों को पढ़ाते हुए बिताए, लेकिन अब उनका जिला हरदोई में ट्रांसफर हुआ है. गुरुजी के तबादले की खबर पाकर उनके बच्चे इतने दुखी हुए की अपने मास्टर साहब को पकड़कर रोने लगे. बच्चों और उनके गुरु के बीच के प्यार की इन तस्वीरों को देखकर हर कोई इमोशनल हो रहा है.

Source: News18

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