मुजफ्फरपुर, 13 मई — ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी सुविधाओं से जोड़ने और आवागमन को सुगम, सुचारू एवं सुदृढ़ बनाने की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा सतत प्रयास किए जा रहे हैं। जिला पदाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के नेतृत्व में ग्रामीण सड़कों तथा पुल-पुलियों के निर्माण का कार्य प्रभावी रूप से जारी है। इसी क्रम में 12 मई को बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा मुजफ्फरपुर जिले में ग्रामीण कार्य विभाग की 254 सड़कों के निर्माण कार्य का विधिवत शुभारंभ किया गया।
यह कार्य ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत हो रहा है, जिससे जिले के अलग-अलग ग्रामीण क्षेत्रों को मुख्यालय से जोड़ने में काफी सहूलियत मिलेगी। इस कार्यक्रम को तीन प्रमुख प्रमंडलों में विभाजित किया गया है — पूर्वी वन, पश्चिमी और पूर्वी टू प्रमंडल।
पूर्वी वन प्रमंडल:
इस प्रमंडल के अंतर्गत 130 पथों का निर्माण किया जाएगा।
• कुल लंबाई: 257.491 किमी
• कुल लागत: ₹167.69 करोड़
• सभी सड़कों को मानसून पूर्व गड्ढा रहित करने का निर्देश संवेदकों को दिया गया है।
• 3 पुलों की निविदा 9 मई तक आमंत्रित की गई है, जिसका निष्पादन 10 दिनों में कर कार्य शुरू होगा।
• मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क अवशेष योजना के तहत 19 पथों की स्वीकृति मिल चुकी है, जिनकी निविदा 19 मई से आमंत्रित की जाएगी।
पश्चिमी प्रमंडल:
इस प्रमंडल के अंतर्गत 48 पथों का निर्माण किया जाएगा।
• कुल लंबाई: 74.33 किमी
• कुल लागत: ₹50.30 करोड़
• इन सड़कों को भी वर्षा से पहले गड्ढा मुक्त करने का निर्देश दिया गया है।
• 4 नए पुलों की निविदा 9 मई तक आमंत्रित की गई है।
• 13 सड़कों की स्वीकृति मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क अवशेष योजना में मिली है, जिनकी निविदा 19 मई से आमंत्रित की जाएगी।
पूर्वी टू प्रमंडल:
इस प्रमंडल के अंतर्गत 76 पथों का निर्माण प्रस्तावित है।
• कुल लंबाई: 132.06 किमी
• कुल लागत: ₹84.48 करोड़ (8448.17 लाख)
• संवेदकों को वारिस के पहले सभी सड़कें गड्ढा मुक्त करने का निर्देश मिला है।
• 5 पुलों की निविदा 9 मई तक आमंत्रित की गई थी, जिनका निष्पादन 10 दिनों में कर कार्य आरंभ किया जाएगा।
• 9 नई सड़कों की स्वीकृति मिली है, जिनकी निविदा 19 मई से आमंत्रित की जाएगी।
ग्रामीणों को मिलेगा सीधा लाभ
इस परियोजना के माध्यम से मुजफ्फरपुर जिले के हजारों ग्रामीणों को आवागमन की बेहतर सुविधा मिलेगी। मुख्य सड़क नेटवर्क से जुड़ने के बाद स्थानीय निवासियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार और रोजगार के अवसरों तक पहुंचने में सुविधा होगी। यह योजना न केवल ग्रामीण आधारभूत ढांचे को मजबूत करेगी, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी गति देगी।