डाउन पवन एक्सप्रेस से शनिवार को फर्जी टीटीई गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से पवन एक्स. का कम्प्यूटराइज्ड आरक्षण चार्ट और टीटीई का नेम प्लेट भी मिला है। गिरफ्तार फर्जी टीटीई ने रेल पुलिस को अपना नाम गणेश कुमार सिंह बताया है। वह मूल रूप से छपरा के गरखा थाना के श्रीपालबसंत गांव का निवासी है। उसके खिलाफ मुजफ्फरपुर जीआरपी में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपित को जेल भेज दिया गया है।

सोनपुर में फर्जी टीटीई पवन एक्सप्रेस में चार्ट लेकर आरक्षित बोगी में चढ़ा। वह टीटीई की ड्रेस में था। आरक्षित बोगी से यात्रियों की जांच कर जनरल बोगी तक पहुंचा। इसी बीच वास्तविक टीटीई सरोज कुमार ने भी यात्रियों की जांच शुरू की। हाजीपुर में उनका सामना फर्जी टीटीई से हुआ। उन्हें देखकर फर्जी टीटीई साइड में खड़ा हो गया। लेकिन, पोशाक, बैज और नेम प्लेट देखकर सरोज कुमार ने फर्जी टीटीई से पूछताछ शुरू कर दी। गणेश ने उन्हें बताया कि उसे दिल्ली से प्रतिनियुक्त किया गया है। सरोज ने उससे इंचार्ज का नाम पूछा और मोबाइल नंबर बताने के लिए कहा। यहां गणेश जवाब देने में गड़बड़ाया तो सरोज कुमार का शक यकीन में बदल गया। ट्रेन के गार्ड से उसे पकड़वा लिया। इसके बाद मुजफ्फरपुर लाकर उसे जीआरपी को सौंप दिया। आशंका है कि फर्जी टीटीई ने ट्रेन में कई यात्रियों से वसूली भी की थी। लेकिन, फाइन की रसीद बुक उसके पास से नहीं मिली है। रेल आरक्षण चार्ट उसके पास कैसे पहुंचा। इसकी जांच रेल पुलिस कर रही है। मुजफ्फरपुर जीआरपी थानेदार किंग कुंदन ने बताया कि पवन एक्सप्रेस के टीटीई सरोज कुमार के आवेदन पर गिरफ्तार किए गए फर्जी टीटीई के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। छानबीन शुरू कर दी गई है। फर्जी नेम प्लेट, आई कार्ड और आरक्षण चार्ट जब्त कर लिए गए हैं। गिरफ्तार आरोपित को जेल भेज दिया गया है।

गिरफ्तार किए गए फर्जी टीटीई गणेश सिंह ने मोबाइल से सिम निकाल कर फेंक दिया। उसके जब्त मोबाइल से रेल पुलिस को सिम नहीं मिले। इससे यह स्पष्ट नहीं हो सका कि वह किन लोगों के संपर्क में था। आशंका है कि ट्रेन से तस्करी के सामान को पास कराने के लिए फर्जी टीटीई का सहारा तो नहीं लिया जा रहा था। ऐसे कई बिंदुओं पर रेल पुलिस जानकारी जुटा रही है।

Source : Hindustan

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