ब्राजील में शुक्रवार को साओ पाउलो के पास एक बड़ा विमान हादसा हुआ, जिसमें 62 लोगों की जान चली गई। दुर्घटनाग्रस्त विमान क्षेत्रीय एयरलाइन वॉयपास का था, जो विन्हेडो में एक रेजिडेंशियल इलाके में जा गिरा। इस घटना ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया, लेकिन इस त्रासदी के बीच एक व्यक्ति की कहानी ने लोगों का ध्यान खींचा।
एक यात्री, एड्रियानो असिस, जिसने उसी फ्लाइट का टिकट लिया था लेकिन आखिरी समय में विमान में सवार नहीं हो पाया, ने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। असिस ने ब्राजीलियाई समाचार चैनल टीवी ग्लोबो को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि एयरलाइन के एक क्रू मेंबर ने उन्हें फ्लाइट में चढ़ने से रोका क्योंकि वह लेट हो गए थे। गेट पर पहुंचने पर उनकी उस कर्मचारी से बहस भी हुई, लेकिन उन्हें विमान में जाने की इजाजत नहीं मिली। उस समय असिस काफी नाराज थे, लेकिन जब उन्हें विमान दुर्घटना की खबर मिली, तो उनकी भावनाएं पूरी तरह से बदल गईं। उन्होंने उस क्रू मेंबर का आभार व्यक्त करते हुए उसे गले लगा लिया जिसने उन्हें विमान में जाने से रोका था।
This man wasn’t allowed to board the plane that just crashed in Vinhedo in São Paulo, Brazil because he was LATE.
He argued with the man at the boarding gate, but ended up hugging him after hearing the plane had crashed.
This is unbelievable… 🙏 pic.twitter.com/wrplK3lVr4
— Cillian (@CilComLFC) August 9, 2024
असिस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह इस घटना के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब वह हवाईअड्डे पर पहुंचे, तो उन्होंने बोर्डिंग अनाउंसमेंट का इंतजार किया, लेकिन कुछ सुनाई नहीं दिया। जब उन्हें गेट पर पहुंचने में देरी हुई, तो बोर्डिंग पहले ही पूरी हो चुकी थी। हालांकि, यह फ्लाइट मिस होना उनके जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य साबित हुआ, क्योंकि कुछ ही देर बाद विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर आई।
एड्रियानो असिस ने अपने इंटरव्यू में यह भी कहा कि अब वह उस क्रू मेंबर के बेहद आभारी हैं जिसने उन्हें विमान में जाने से रोका था। उनके अलावा एक अन्य यात्री भी था जो फ्लाइट मिस कर गया था। उसने कहा, “भगवान का शुक्र है कि हम उस विमान में नहीं चढ़े। कौन जानता था कि ऐसा कुछ होने वाला है।”
यह घटना एक बार फिर इस कहावत को साबित करती है कि “जाको राखे साइयां, मार सके न कोई,” यानी जब तक जीवन का समय नहीं आता, तब तक किसी भी परिस्थिति में जीवन सुरक्षित रहता है।