दूसरे चरण में मुजफ्फरपुर में हुए नगर निगम चुनाव में बड़े स्तर पर बदलाव देखने को मिला हैं। इस बार संपन्न हुए चुनाव में शहरवासियों ने कई बड़े चेहरे को सिरे से नकार दिया। शहर में व्याप्त कई समास्यों को जैसे जलजमाव, नाले की समस्या,जर्जर सड़क व पेयजलापूर्ति की समस्या से निजात दिलाने में जो जनप्रतिनिधि नाकाम रहे उन्हें जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ा।
मोतीझील, तिलक मैदान रोड, सरैयागंज, योगियामठ, सिकंदरपुर, सूतापट्टी, बैंक रोड, ब्रह्मपुरा, जूरन छपरा आदि इलाकों में गड्ढों व जलजमाव की समस्या आम बात हैं। इस कारण लोग महीने तक घर से नही निकल पाते थें। इस कारण इलाके के अधिकतर वार्ड पार्षद चुनाव हार गये हैं। केवल सूतापट्टी इलाके से संजय केजरीवाल चुनाव जीत पाए। सुविधा नहीं मिलने पर भी शहरवासियों को पेयजल शुल्क, यूजर चार्ज और ट्रेड लाइसेंस शुल्क आदि देना पड़ता था।जिस कारण लोगों में और नाराजगी थीं।
दूसरी तरफ पिछले दोनों मेयर से नगर आयुक्तों का विवाद रहा, जिस कारण विकास की योजनाएं फंसी रही व जमीनी स्तर पर उसे लागू नहीं किया जा सका। स्मार्ट सिटी की योजनाओं को लागू करने के लिए शहर में जगह-जगह गड्ढे खोदे गए लेकिन उसपर पूरा काम नही हुआ। इस आधे-अधूरे निर्माण कार्य ने शहरवासियों को और नाराज कर दिया। जिस कारण कई बड़े दिग्गज चुनाव हार गए।
अपने दूसरे कार्यकाल में सुरेश कुमार ने नंद कुमार प्रसाद साह, हरिओम कुमार, जावेद अख्तर, प्रमिला देवी, पवन राम व अर्चना पंडित को स्थायी समिति में रखा था लेकिन इनमें से पांच पार्षद इस बार नही जीत पाए। वहीं सुरेश कुमार के पहले कार्यकाल के भी चार वार्ड पार्षद इस बार नगर निगम में नही रहेंगे।