जमीन विवाद की हर शिकायत पर की गई कार्रवाई का जवाब अब थानेदार को मोबाइल एप पर देना होगा। इसके लिए पुलिस मुख्यालय मोबाइल एप और वेब पोर्टल विकसित कर रहा है। जमीन विवाद के लिए एप या पोर्टल पर शिकायत भेजने के बाद पुलिस खुद विवादित स्थल पर पहुंचेगी और छानबीन कर आगे की कार्रवाई करेगी। पुलिस को थाने में आए जमीन विवाद संबंधित आवेदन पर भी कार्रवाई कर इसकी एप पर इंट्री करनी होगी। गृह विभाग ने जमीन विवाद की शिकायत और उस पर होने वाली कार्रवाई से संबंधित एप व पोर्टल विकसित करने को 25 लाख रुपये का आवंटन दिया है।

मुजफ्फरपुर के 22 थाना व ओपी में हर सप्ताह औसतन 150 जमीन विवाद से संबंधित शिकायतें पहुंच रही हैं। प्रत्येक शनिवार को संबंधित शिकायतों का निपटारा थानेदार और सीओ मिलकर कराते हैं। हालांकि, अधिकांश मामले बाद में न्यायालय पहुंच रहे हैं। सीओ और थानेदार के फैसले के बाद भी लोग जमीन पर जबरन कब्जा के लिए भिड़ रहे हैं। जमीन विवाद में मारपीट के केस का आंकड़ा बड़ा है। जिले में हर माह 80 से 90 मारपीट के मामले भूमि विवाद से जुड़े निकल रहे हैं। इसे पुलिस क्राइम हेड में जमीन विवाद के बजाय विविध वाद के रूप में दर्ज कर रही है।

थाने से लौट रहे आवेदक

नगर थाने में बीते तीन शनिवार से जमीन विवाद के निपटारे को जनता दरबार का आयोजन नहीं हुआ है। मुशहरी सीओ या उनके प्रतिनिधि थाने नहीं पहुंचे। जमीन विवाद का आवेदन देने वालों को थाने से लौटना पड़ रहा है। इसी तरह, अहियापुर में राजस्व कर्मचारी के भरोसे तीन शनिवार से जमीन विवाद के आवेदनों पर सुनवाई हो रही है। इसमें विवाद नहीं सुलझ पा रहा है। कई मामले एसडीओ कोर्ट में पहुंच गए।

जमीन विवाद के मामलों के लिए मुख्यालय से मोबाइल एप व वेब पोर्टल विकसित किया जा रहा है। इसके माध्यम से शिकायत मिलने पर भी कार्रवाई की जाएगी। – राकेश कुमार, एसएसपी

Source : Hindustan

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