प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटना के बावजूद शाही स्नान की परंपरा बनी रहेगी। अखाड़ा परिषद ने मेला प्रशासन से चर्चा के बाद शाही स्नान को हरी झंडी दे दी है। हालांकि, इस बार शाही स्नान का स्वरूप थोड़ा बदला जाएगा—पारंपरिक जुलूस को छोटा रखा जाएगा, लेकिन अखंड परंपरा जारी रहेगी।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र गिरी ने बताया कि प्रशासन ने घाटों की स्थिति सामान्य होने की जानकारी दी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि पहले शाही स्नान रद्द करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अब संतों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद यह आयोजन होगा।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी आचार्य महामंडलेश्वरों से चर्चा की और सुझाव दिया कि पहले श्रद्धालु स्नान करें, फिर साधु-संत संगम स्नान करेंगे। प्रशासन के अनुसार, घाटों पर भीड़ नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है।

रविंद्र गिरी ने कहा कि सुबह के समय भारी भीड़ के कारण घाटों पर स्थिति चुनौतीपूर्ण हो गई थी, जिससे भगदड़ की स्थिति बनी। उन्होंने अपील की कि श्रद्धालु संयम बनाए रखें और जहां संभव हो, वहीं स्नान करें।

प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार सुबह 8 बजे तक 2.78 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके थे, जबकि अब तक 19.94 करोड़ लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं। अनुमान है कि हालात सामान्य होने के बाद सुबह 10 बजे से शाही स्नान की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

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