पिछले दो दिनों से बिहार में जारी सियासी गतिरोध का अंजाम किस करवट जा रहा है, सोमवार को इसे जानने की कौतूहल चहुंओर रही। राज्य के बाहर भी यह जिज्ञासा का विषय बना रहा। मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, यूपी सहित देश के कई राज्यों में रहने वाले बिहार से जुड़े या बिहार की सियासत में रुचि रखने वाले अपनों के यहां फोन कर राजनीतिक घटनाक्रम का अपडेट लेते रहे।

राज्य के राजनीतिक दलों के दफ्तरों में भले ही सन्नाटा रहा लेकिन अंदरखाने सरकार गठन के नए समीकरण गढ़े जाते रहे। दिन खुलने के साथ ही नेता सक्रिय हो गए। नेताओं के घर कार्यकर्ताओं का आना-जाना लगा रहा। वहीं बयानों के माध्यम से नई संभावनाओं के संकेत भी भरकर आते रहे। जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा के साथ कार्यालय में नेताओं के साथ मंत्रणा की। बाद में पत्रकारों से बातचीत में ललन सिंह ने आरसीपी सिंह के केंद्र में मंत्री बनने को लेकर भाजपा पर खुलकर हमला किया। ललन सिंह ने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि मंगलवार को होने वाली जदयू नेताओं की बैठक आरसीपी के इस्तीफे के बाद की स्थितियों को लेकर है। अलबत्ता अन्य मुद्दे पर भी चर्चा होने के उन्होंने संकेत दिये। वहीं उमेश कुशवाहा ने बातचीत के क्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा हाल ही पटना में दिये गये बयान कि देश में क्षेत्रीय दल समाप्त हो जाएंगे, केवल भाजपा बचेगी, पर आपत्ति भी दर्ज कर दी। कहा, इससे हम आहत हैं।

भाजपा की ओर से कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप ने कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। एक और मंत्री ने कहा कि सबकुछ सामान्य है। हालांकि वरिष्ठ पार्टी नेताओं रविशंकर प्रसाद, नित्यानंद राय, नितिन नवीन, शाहनवाज हुसैन के अलावा बिहार भाजपा के संगठन महामंत्री दलसानिया जैसे वरिष्ठों के दिल्ली पहुंचने के मायने निकाले जाने लगे हैं। चर्चाओं की मानें तो ये नेता दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं से बिहार की ताजा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करेंगे। जबकि पटना में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल सहित अन्य नेताओं की आपात बैठकी बताती है कि मामला सामान्य नहीं है। जायसवाल दिल्ली से पटना पहुंचे थे व सीधे डिप्टी सीएम के घर गए।

पटना में रहेंगे विधायक

कांग्रेस नेताओं ने भी साफ-साफ कहा कि उनके दल की नजर राजनीतिक स्थितियों पर है। पार्टी के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास भी सोमवार को पटना पहुंच गये। देर शाम विधायक दल के नेता अजीत शर्मा के आवास पर पार्टी के सभी विधायकों का जुटान हुआ। यही नहीं, बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में पार्टी ने विधायकों को यह फरमान भी जारी कर दिया कि वे अगले आदेश तक अनिवार्य रूप से पटना में ही डटे रहें। बहरहाल, सोमवार को बिहार में राजनीतिक घमासान रविवार की तुलना में और बढ़ता दिखा।

दिनभर सक्रिय रहे तेजस्वी

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव भी दिनभर सक्रिय रहे। वहीं इशारों-इशारों में ही राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने राज्य में बनते नए समीकरण पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि अगर परिस्थितियां बनती है तो नीतीश सरकार को बचाने में राजद गुरेज नहीं करेगा। हालांकि उनके इस बयान के बाद तेजस्वी ने अपने सभी प्रवक्ताओं को ही पद से हटा दिया। पार्टी में साफ संदेश दिया गया कि तेजस्वी और जगदानंद सिंह को छोड़कर कोई भी बयान जारी नहीं करेंगे। उधर, जगदानंद सिंह ने मंगलवार को होने वाली राजद विधानमंडल दल की बैठक को चुनावी तैयारियों से जोड़ा।

भाजपा नेतृत्व की पल-पल पर नजर

बिहार के तमाम राजनीतिक घटनाक्रम पर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व पैनी नजर रख रहा है। प्रदेश भाजपा के प्रमुख नेता भी हर गतिविधि की जानकारी उन्हें सोमवार को अवगत कराता रहा। इस बीच भाजपा नेतृत्व ने पार्टी नेताओं को एनडीए गठबंधन या आरसीपी सिंह से जुड़े किसी भी मामले पर मीडिया में बयान या प्रतिक्रिया देने से मना किया है। कहा तो यह भी गया है कि अगर किसी ने कोई बयान दे दिया तो पार्टी उस पर कार्रवाई करेगी। दरअसल, भाजपा जदयू या किसी और को अपनी ओर से मौका नहीं देना चाहती है। इसका पालन करते हुए बिहार भाजपा के नेताओं ने सोमवार को दिनभर चुप्पी साधे रखी।

Source : Hindustan

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