नेपाल से अयोध्या लाई गई देवशिलाओं का पूजन पूरे विधि विधान से गुरुवार की सुबह शुरू हो गया। नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री विमलेंद्र निधि व जानकी मंदिर के महंत पूजन में मौजूद हैं। तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय, डॉक्टर अनिल मिश्र, गोविंद देव गिरी, कामेश्वर चौपाल की उपस्थिति में वैदिक रीति रिवाज से साढ़े 10 बजे शुरू पूजन हुआ। बड़ी संख्या में श्रद्धालु जय श्रीराम के उद्घोष कर रहे हैं।

जनकपुर धाम नेपाल से देवशिला के साथ अयोध्या पहुंचे रनिंग नगर प्रमुख (मेयर) मनोज कुमार शाह ने बताया कि काली गंडकी नदी से निकाली गई देवशिला का नेपाल सरकार द्वारा जियोलॉजिकल सर्वे कराया गया। वहीं भारत सरकार के भी फारेंसिक विशेषज्ञों ने अपनी ओर से परीक्षण किया है। उसके बाद सहमति से यह देवशिला अयोध्या भेजी गई है।

उन्होंने बताया कि इसके लिए विशेष प्रयास नेपाल के गंडकी प्रदेश के मुख्यमंत्री के अलावा पूर्व उप प्रधानमंत्री विमलेन्द्र निधि एवं जानकी मंदिर जनकपुर के महंत राम तपेश्वर शरण का रहा। उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल के द्विपक्षीय सम्बन्ध सदैव मधुर रहे है और यह सम्बन्ध पौराणिक काल से है। उन्होंने कहा कि इस देवशिला के आदान-प्रदान से प्राचीन सम्बन्धों में अधिक मधुरता आ गई है।

Source : Hindustan

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