मुंबई में एनसीपी (अजीत गुट) नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद गोपालगंज जिले के मांझागढ़ प्रखंड के शेखटोली गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। मुंबई में राजनीतिक पहचान बनाने के बावजूद उनका पैतृक गांव से गहरा नाता था। बाबा सिद्दीकी ने गांव के हाई स्कूल और मदरसा के छात्रों की पढ़ाई में मदद करने के अलावा अपने पिता अब्दुल रहीम सिद्दीकी के नाम पर एक ट्रस्ट स्थापित किया, जो बिहार के विभिन्न जिलों में 40 शैक्षणिक संस्थानों का संचालन करता है।
शेखटोली के निवासी बताते हैं कि बाबा सिद्दीकी ने महाराष्ट्र की राजनीति में अपनी जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत की थी। गांव में उनके चचेरे भाई का परिवार रहता है। उन्होंने शिक्षा और कौशल विकास को प्रोत्साहित करने के लिए कई पहल कीं, जिसमें गरीब छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की नि:शुल्क तैयारी और स्कूली बैग का वितरण शामिल था।