श्रावण मास में बाबा गरीबनाथ मंदिर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु भोले शंकर को जल चढ़ाते हैं। कोरोना काल के दो साल में यहां श्रद्धालुओं को जल अर्पित करने की अनुमति नहीं थी। कोरोना काल से पूर्व यहां हर साल सावन के महीने में करीब 13 से 14 लाख श्रद्धालु राज्य के विभन्नि जिलों से आकर बाबा गरीबनाथ को जलार्पण करते थे। यही कारण है कि दो साल बाद इस बार फिर से श्रावणी मेले की तैयारी जोरों पर हैं।
इसको लेकर श्रद्धालुओं में तो उत्साह है ही। वहीं, सेवादार के रूप में अपना सहयोग देने वाले कई संगठन भी तैयारी में जुट गए हैं। गुरुवार को इसको लेकर एसडीओ पूर्वी ज्ञानप्रकाश ने विभन्नि सेवा संगठनों के साथ बैठक की। साथ ही कई तरह के गाइडलाइन भी जारी किए। इसके तहत मंदिर परिसर के 500 मीटर की दूरी में कोई भी संगठन डीजे या अन्य साउंड सिस्टम का उपयोग नहीं कर पाएंगे। 500 मीटर की दूरी में केवल जिला प्रशासन के नियंत्रण कक्ष द्वारा सूचनाओें की उद्घोषणा के लिए ही माइक और सांउड सिस्टम का उपयोग होगा। इसके अलावा जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए रूट से ही आकर जल चढ़ाने की व्यवस्था होगी। सेवा संस्था के लोग या परिचितों को भी वही रूट फॉलो करना होगा। वहीं, सेवा दल के सदस्यों की ओर से पर्याप्त संख्या में शौचालय और पानी के टैंकरों की व्यवस्था कराने की अपील की गई।
इस पर एसडीओ ने बताया कि जिला स्कूल व आरडीएस कॉलेज में 50 अस्थाई शौचालय बनाए जा रहे हैं। आमगोला पुल के पास 10 शौचालय की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही आमगोला क्षेत्र के करीब 17-18 विवाह भवनों व गेस्ट हाउस में करीब 20 हजार श्रद्धालुओं के रहने की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से की जा रही है। आरडीएस कॉलेज टेंट सिटी के तहत करीब 15000 कांवरियों के रहने की व्यवस्था की जा रही है।
नियंत्रण कक्ष के पास मौजूद रहेगी एंबुलेंस की सेवा:
मेले में कांवरियों को कठिनाई न हो और विकट परिस्थिति में मेडिकल और सुरक्षा के इंतजाम को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई। इसके तहत बताया गया कि सभी प्रमुख कैंप जहां नियंत्रण कक्ष बनाए जाएंगे, वहां एंबुलेंस की सुविधा मौजूद होगी। साथ ही श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच के लिए जूनियर और इंटर्न डॉक्टरों को भी ड्यूटी लगाई जाएगी। इनके साथ मेडिकल किट और सपोर्टिंग नर्सिंग स्टाफ की भी ड्यूटी लगेगी।
Source: Live Hindustan