स्वर साम्राज्ञी भारत रत्न लता मंगेशकर भले अब दुनिया में नहीं रहीं, उनके उनके गाए जाने तो सदियों तक फिजाओं में गूंजते रहेंगे। उनका बिहार से गहरा नाता रहा। वे केवल हिंदी और मराठी गानों की वजह से ही नहीं जानी गईं, बल्कि उनके गाए सुपरहिट भोजपुरी गानों की फेहरिश्त भी लंबी है। सबसे खास बात तो यह कि भोजपुरी की सबसे पहली फिल्म के लिए भी उन्होंने गाने गाए। इस फिल्म के बारे में एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि इसे तत्कालीन राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद की फरमाइश पर बनाया गया था। उन्होंने भोजपुरी के जो गाने गाए, वे नए दौर के तमाम गायकों पर भारी पड़ते हैं।
भोजपुरी के पहली फिल्म में भी लता जी ने गाने गाए
‘हे गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो, सइंया से करा द मिलनवा हे राम’ भोजपुरी की पहली फिल्म ‘गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ का वह गाना था, जिसे लताजी ने अपनी आवाज दी थी। इसी फिल्म का एक और गाना ‘मारे करेजवा में तीर’ भी खूब सुना जाता है। ये दोनों गाने लता जी ने अपनी छोटी बहन उषा के साथ मिलकर गाए थे। यह फिल्म और इसके तमाम गाने सुपरहिट हुए थे। भोजपुरी के असली रसिक आज भी उनके गाए गानों को शौक से सुनते हैं। दरअसल, भोजपुरी गानों की मिठास लता जी की सुरीली आवाज के साथ दोगुने मीठे हो जाते थे। इस फिल्म में मोहम्मद रफी ने भी गाने गाए थे।
लता के गाए कुछ और भोजपुरी गाने
‘लाली लाली होठवा से बरसे ललईया हो कि रस चुएला’ (फिल्म – लागी नाही छूटे राम)
‘लुक छिप बदरा में’ (फिल्म- गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो)
‘जा जा रे सुगना जा रे, कही दे सजनवा से ‘ (फिल्म – लागी नाही छूटे राम)
भोजपुरी का स्वर्णिम युग था वह
भोजपुरी सिनेमा इंडस्ट्री का बाजार तब भले छोटा था, लेकिन तब इसकी पहचान आज जैसी सी ग्रेड वाली नहीं थी। हिंदी के नामचीन गायकों ने भोजपुरी के गीतों को स्वर दिया और भोजपुरी फिल्मों के लिए काम किया। एक बड़ा तबका है, जो यह मानता है कि उस दौर में लता जी और अन्य गायकों के गाए गाने भोजपुरी के मौजूदा दौर के चेहरों पवन सिंह और खेसारी लाल यादव जैसे गायकों पर बीस पड़ते हैं। एक लंबे अंतराल तक हिंदी के बड़े गायक भोजपुरी सिनेमा और भोजपुरी गीतों से दूर हो गए। लेकिन बाद के दौर में भी लता जी ने रवि किशन के अभिनय वाली एक फिल्म के लिए भोजपुुरी गाना गाया। ‘दुल्हा अइसन चाही’ फिल्म में ‘रीतिया पिरितिया के खेल’ गाने को लता ने आवाज दी थी।
Source : Dainik Jagran