श्रावणी मेले में बिहार के सुल्तानगंज गंगा घाट से कांवर में जल लेकर झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैजनाथ धाम जाना इस बार अधिक सुविधाजनक होगा। कांवरियों के पैरों में इस बार पहाड़ी रास्ते कंकड़-पत्थर नहीं चुभेंगे। और न ही गर्म बालू से कांवरियों के पैरों में छाले पड़ेंगे। इसके लिए प्रशासन खास इंतजाम कर रहा है। आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण के कारण 2020 और 2021 में कांवर यात्रा और श्रावणी मेले का आयोजन नहीं हो सका था। इस बार कोरोना संक्रमण में काफी हद तक राहत को देखते हुए सरकार कांवर यात्रा के लिए जरूरी इंतजामों में जोरशोर से जुटी है।
लाल की जगह इस पर डाला जा रहा सफेद बालू
बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि सुल्तानगंज से झारखंड की सीमा से सटे डुम्मा तक कांवरिया पथ (कच्ची सड़क) पर इस बार लाल की जगह सफेद बालू बिछाया जा रहा है। मंत्री ने गुरुवार को बिहार में पड़ने वाले 83 किमी कांवरिया पथ का निरीक्षण भी किया। पथ निर्माण मंत्री ने सुल्तानगंज घाट का भी भ्रमण किया तथा नमामि गंगे परियोजना के तहत घाट के सौंदर्यीकरण का भी जायजा लिया। उन्होंने बताया कि 14 जुलाई को इस घाट को लोकार्पित कर दिया जाएगा।
बैजनाथधाम की यात्रा के लिए जल लेने वाले श्रद्धालुओं को अब किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी घाट का सौंदर्यीकरण कराया गया है। कांवरिया पथ पर सफेद बालू डालने से कांवरियों को सुविधा होगी। इस 83 किमी लंबे पथ को दस जोन में बांटकर प्रत्येक जोन में एक कनीय अभियंता को प्रतिनियुक्त किया जा रहा है। उनका मुख्य कार्य बालू की परत और मिट्टी में नमी बनाए रखना होगा। हर 10 किमी पर बालू के प्रोक्योरमेंट की भी व्यवस्था होगी। निरीक्षण कार्यक्रम मेंं विधायक ललित नारायण मंडल, संजीव कुमार सिंह, निक्की हेंब्रम, मनोज यादव व मुंगेर, भागलपुर और बांका के डीएम भी मौजूद थे।
Source: Dainik Jagran