इस बार बिहार सहित देश के अन्य हिस्सों से मानसून देर से लौटेगा। अभी सितंबर का आखिरी हफ्ता शुरू होने वाला है लेकिन वातावरणीय परिस्थितियां अब यह इशारा कर रही हैं कि अभी सूबे को बारिश से निजात मिलने वाली नहीं है।
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मौसमविदों का कहना है कि इस बार अक्टूबर मध्य तक मानसून का प्रभाव रहेगा और कभी तेज तो कभी छिटपुट बारिश होती रहेगी। इधर, खेती-किसानी से जुड़े विशेषज्ञों ने फसल की बेहतर पैदावार के लिए इसे शुभ संकेत बताया है। फिलहाल पटना सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में अगले एक हफ्ते भी अच्छी बारिश के आसार बन रहे हैं। दरअसल अरब सागर की ओर लो प्रेशर एरिया बना है और यह अगले 48 घंटे में बिहार सहित आसपास के इलाकों में प्रभावी होगा। मौसमविदों का कहना है कि सितंबर के आखिरी दिनों में मानसून के लौटने का समय होता है लेकिन इस बार ऐसा होने के आसार कम हैं। मानसून अक्टूबर के दूसरे हफ्ते तक प्रभावी रहेगा। एक अन्य परिस्थिति के अनुसार अभी पश्चिमी विक्षोभ की स्थिति उत्तरी पाकिस्तान की ओर है।
अमूमन इस वक्त तक यह देश के विभिन्न हिस्सों में प्रभावी हो जाता था। इस बार इसका असर एक से दो हफ्ते की देरी से भारतीय भूभाग में दिखेगा। इसके प्रभावी होते ही हवाओं की दिशा में तेजी से बदलाव होगा और पछुआ का प्रभाव दिखेगा। मौसमविदों के इस पूर्वानुमान को बल इस बात से भी मिल रहा है कि भारत में मानसून का प्रवेश इस बार एक हफ्ते की देरी से हुआ था। केरल तट पर बरसने के बाद मानसून का प्रसार देश के अन्य हिस्सों में नहीं हो सका था क्योंकि अरब सागर में एक चक्रवात तटों के पास आकर ठिठक गया था, जिससे बंगाल के खाड़ी क्षेत्र से आने वाली नमी मानसून के लिए परिस्थितियां तैयार नहीं कर सकी थीं। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के ड्यूटी अफसर एसके पटेल बताते हैं कि इन सारी परिस्थितियों के अध्ययन से यह संकेत मिल रहा है कि सितंबर के अंत तक प्रभावी रहने वाला मानसून इस बार अक्टूबर के दूसरे हफ्ते तक प्रभावी रहेगा।
धान के साथ रबी फसल को भी फायदा
बिहार सरकार के कृषि विभाग के उपनिदेशक अनिल कुमार झा कहते हैं कि मानसून की बारिश अगर देर तक प्रभावी रहती है तो यह धान की खेती के लिए काफी अच्छा है। रबी की फसल के लिए भी यह बेहतर है क्योंकि नमी की वजह से पैदावार अच्छी होगी। हालांकि खेतों में ज्यादा नमी रहने से सरसों और मटर की फसल के लिए ज्यादा थोड़ी कठिनाई झेलनी पड़ सकती है। वरीय वैज्ञानिक ने कहा कि कुल मिलाकर यह धान और रबी के लिए फायदे की ही बात है।
डेंगू और चिकनगुनिया से भी मिलेगी राहत
देर तक मानसून के प्रभावी रहने से स्वास्थ्य पर इसका मिला-जुला असर पड़ेगा। पीएमसीएच के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. एमपी सिंह ने बताया कि इस समय अच्छी बारिश से डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या कम होगी। अच्छी बारिश से मच्छरों का प्रकोप कम होगा। हालांकि ज्यादा बारिश से जलजमाव की समस्या बढ़ेगी, जिससे चर्म रोग के मामले बढ़ेंगे। साथ ही सामान्य से कम तापमान रहने की स्थिति में खांसी और सर्दी के मामले भी बढ़ेंगे।
Input : Hindustan
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