अमरीका की जानी-मानी पत्रिका TIME ने अपने नवीनतम मई अंक के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कवर स्टोरी की है. मैगज़ीन के कवर पर नरेंद्र मोदी की इलस्ट्रेटेड तस्वीर है और साथ में लिखा है… ‘India’s Divider In Chief’
TIME मैगज़ीन ने कवर पेज को ट्वीट करते हुए टीज़र दिया गया है… “टाइम्स का नया इंटरनेशनल कवर : क्या दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र मोदी सरकार को आने वाले और पांच साल बर्दाश्त कर सकता है?”
TIME’s new international cover: Can the world’s largest democracy endure another five years of a Modi government? https://t.co/oIbmacH9MS pic.twitter.com/IqJFeEaaNW
— TIME (@TIME) May 9, 2019
हालांकि मैगज़ीन अभी बाज़ार में उपलब्ध नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कवर वाली ये मैगज़ीन 20 मई 2019 को जारी की जाएगी.
19 मई को लोकसभा चुनाव 2019 के आख़िरी चरण का मतदान होना है और 23 मई को चुनाव के नतीजे आने हैं.
क्या लिखा गया है मैगज़ीन की इस कवर स्टोरी में?
TIME की वेबसाइट पर जो स्टोरी प्रकाशित की गई है उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री से देश के प्रधानमंत्री बनने का जिक्र है. 2014 में उनकी जीत को 30 सालों में सबसे बड़ी जीत बताया गया है और उसके बाद उनके पांच साल के कार्यकाल का ज़िक्र है.
लेकिन इसी ज़िक्र को लेकर और जिस तरह से कवर पेज पर मोदी को ‘India’s Divider In Chief’ बताया गया है, उस पर विवाद पैदा हो गया है. और यह कवर पेज भारत में ट्रेंड कर रहा है.
हालांकि साल मई 2015 में भी टाइम मैगज़ीन ने मोदी पर कवर स्टोरी की थी और उसे नाम दिया था… “Why Modi Matters”
सोशल मीडिया पर इस कवर पेज को लेकर काफी बातें हो रही हैं.
एक ओर जहां कुछ लोगों का कहना है कि मैगज़ीन ने बिल्कुल सही लिखा है वहीं कुछ लोग इस मोदी की लोकप्रियता से भी जोड़कर देख रहे हैं.
ठाकुर अमीशा सिंह लिखती हैं, “एक मोदी के पीछे सारी दुनिया हाथ धोकर पड़ गई है. मतबल साफ़ है बंदे में सिर्फ़ दम ही नहीं, सारी दुनिया को अपने पीछे नचाने की ताकत भी है.”
वहीं वसंत लिखते हैं कि मोदी की वजह से तो सारा विपक्ष एकजुट हो गया है, आप उन्हें विभाजित करने वाला क्यों कह रहे हैं?
सत्येंद्र देव परमार लिखते हैं कि नफ़रत का बीज समाज में बहुत गहरे बोया जा चुका है जिसकी फसल आज सड़कों पर फैली हुई है.
राहुल सरकार ने ट्वीट किया है कि सच्चाई छिप नहीं सकती लेकिन छप तो ज़रूर सकती है.
कुछ ट्वीट ऐसे भी हैं…
हालांकि कुछ लोगों का ये भी कहना है कि टाइम मैगज़ीन एक विदेशी मैगज़ीन है उसे कोई हक़ नहीं बनता कि वो हमारे प्रधानमंत्री के बारे में कुछ कहे.
वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने टाइम मैगज़ीन की इस रिपोर्ट का पूरा समर्थन किया है.
जिस स्टोरी को लेकर ये विवाद उपजा है उसे लिखने वाले हैं आतिश तासीर. 39 साल के आतिश ब्रिटेन में जन्मे लेखक-पत्रकार हैं. वे भारतीय पत्रकार तवलीन सिंह के बेटे हैं.
आपको बता दें कि यह वही टाइम मैगज़ीन है जिसने साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रीडर्स पोल के तहत पर्सन ऑफ़ द ईयर 2016 चुना था.
18 पर्सेंट के साथ मोदी पहले स्थान पर रहे थे. उनके बाद उस समय के अमरीकी राष्ट्रपति बराक का नाम था.
Input : BBC Hindi