इबादत का महीना रमजान शुरू होने वाला है। इसकी तैयारी मुकम्मल कर ली गई है। कंपनीबाग मस्जिद के इमाम मौलाना आले हसन ने बताया कि सोमवार को चांद नजर आता है, तब मंगलवार से रोजा रखा जाएगा। अगर सोमवार को चांद नजर नहीं आया तो बुधवार से रोजा शुरू हो जाएगा। मौलाना ने बताया कि जिस दिन चांद नजर आयेगा, उसी रात इशा के बाद तरावीह की नमाज शुरू होगी। शिया और सुन्नी मस्जिद व मदरसों से रमजान के सेहरी और इफ्तार के वक्त का कैलेंडर जारी कर दिया गया है। इस साल सुन्नी मुसलमान पहला सेहरी 4.44 बजे सुबह और इफ्तार 5.55 बजे शाम में करेंगे, जबकि शिया मुसलमान 4.34 बजे सुबह सेहरी और 6.09 बजे शाम में इफ्तार करेंगे। सुन्नियों का पहला रोजा 13 घंटे 10 मिनट का होगा। वहीं शिया मुसलमान 13 घंटा 35 मिनट का रोजा रखेंगे। शिया और सुन्नी के इफ्तार में 14 मिनट का अंतर होगा। तरावीह की नमाज के लिए मस्जिदों में हाफिज-ए-कुरान को इमाम रखा गया है।

Sharda Heritage- Marriage Hall , Banquet Hall Muzaffarpur

जिस्म के हर अंग का होता है रोजा मौलाना फैयाज आलम ने बताया कि केवल भूखे-प्यासे रहने का नाम रोजा नहीं है, बल्कि जिस्म के हर अंग का रोजा है। गैर महरम या किसी को बदनीयत से देखने पर आंख का रोजा खत्म हो जाता है। चुगली या किसी की बुराई करने या झूठ बोलने से मुंह का रोजा टूट जाता है। इसी तरह हाथ से गलत करने पर हाथ का रोजा टूट जाएगा। पांव से चलकर बुराई वाली जगहों पर जाने से पांव का रोजा टूट जाता है।

Source : Hindustan

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