देश में 1 सितंबर 2019 से संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू कर दिया गया है और ऐसे में ट्रैफिक पुलिस धड़ल्ले से चालान भी काटे जा रही है। ऐसा सही भी है, अगर आप भी ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करेंगे तो आपके साथ भी ऐसा ही होगा। इसलिए हमेशा ट्रैफिक नियमों का पालन करें और गाड़ी के पेपर अपने पास पूरे रखें तो पुलिस आपका 1 रुपये का भी चालान नहीं काट सकती। खैर, कुछ पुलिस वाले ऐसे भी होते हैं जो ऐसे नियमों का फायदा उठाते हैं और चलती राह पर लोगों को ड’रा-ध’मका कर चालान काटने के बजाए उनसे हजारों रुपये वसूलते हैं। आज हम अपनी इस रिपोर्ट में आपके भी अधिकार की बात करेंगे कि कहां आप अपने हक के लिए खड़े हो सकते हैं और सवाल-जवाब कर सकते हैं।

कुछ नियम ऐसे भी होते हैं जो वाहन चलाने वालों की मदद के लिए भी हैं। इन नियमों की जानकारी भी वाहन चालकों को उतना ही होना जरूरी है जितना कि चालान की रकम भरना। सड़कों पर अगर आप वाहन चला रहे हैं तो सबसे ज्यादा झगड़े पुलिस के चलती गाड़ी से जबरन चाबी खींचना या हाथ पकड़कर रोकने घटनाओं से सामने आता है, जिससे वाहन चालक दुघर्टना ग्रस्त भी हो सकता है। इसके अलावा कई मामले ऐसे भी आए हैं कि पुलिस वाले बेवजाह पैसा वसूलते हैं।

पुलिस को नहीं है ये करने का अधिकार

  • सामने से आते वाहन को रोकने के लिए चलते वाहन पर चालक का हाथ नहीं पकड़ सकती पुलिस।
  • चलती गाड़ी से चाबी खींचकर आपको नहीं रोक सकती पुलिस।
  • चार पहिया वाहन के सामने अचानक बैरीकेड्स नहीं लगा सकती पुलिस।

 

आपको है शिकायत करने का हक

सड़क पर टू-व्हीलर राइड करने के दौरान यदि पुलिस जवान या ट्रैफिक वार्डन चाबी खींचकर या दबाव देकर आपको रोकते हैं तो वाहन चालक के पास अधिकार होता है कि वह वरिष्ठ अधिकारियों से उनकी शिकायत कर सकते हैं।

सिर्फ इन्हें है चालान करने का अधिकार

शहर में अक्सर देखा होगा कि सिपाही या हवलदार या असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर स्तर के पुलिसकर्मी हाथ में चालान का कट्टा लेकर कार्रवाई करते रहते हैं। पर यहां भी आपको अपने अधिकारों को जानना जरूरी है। यदि किसी भी चेकिंग प्वॉइंट पर सब इंस्पेक्टर या उससे ऊपर का अधिकारी आप पर चालान करता है तो यह ठीक है। पर सब इस्पेक्टर से नीचे की रैंक के पुलिसकर्मी कहीं भी चालान नहीं काट सकते हैं। इसलिए जरूरी होता है कि ऐसे चेकिंग प्वाइंट जहां पर ट्रैफिक पुलिस वाहन चालकों को यातायात के नियम पूरे न करने पर चालान की कार्रवाई कर रही है। वहां इंचार्ज में सब इंस्पेक्टर या उससे ऊंची रैंक के अधिकारी का होना जरूरी है।

Input : Dainik Jagran

I just find myself happy with the simple things. Appreciating the blessings God gave me.