मुजफ्फरपुर। सड़क हादसों में मरे लोगों के आश्रितों को अब परिवहन विभाग मुआवजा नहीं देगा। यह निर्णय परिवहन विभाग ने पटना हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में लिया है। इस संबंध में विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने जिला परिवहन कार्यालय को पत्र लिखकर निर्देशित किया है। विभाग के पत्र के आलोक में डीटीओ ने आश्रितों को मुआवजा देने से इनकार कर दिया है। परिवहन विभाग मुआवजा के लिए पूर्व से स्वीकृत आवेदन के आलोक में राशि का भुगतान करेगा।

सड़क हादसों में मौत पर परिवहन विभाग से मृतक के आश्रित को पांच लाख रुपये मुआवजा दिया जाता था। इसके लिए पुलिस, अंचल व अनुमंडल कार्यालय के माध्यम से जांच करायी जाती थी। तीनों की अनुसंशा के बाद परिवहन विभाग के स्तर से मृतक के आश्रित को पांच लाख रुपये दिए जाते थे। पूर्व में मुआवजा भुगतान व कार्यवाही आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से होती थी। इस संबंध में डीटीओ सुशील कुमार ने बताया कि हाईकोर्ट के आलोक में मुआवजा भुगतान पर रोक लगा दी गई है।

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मुआवजा के लिए डीटीओ का लगा रहे चक्कर सड़क हादसों में मरे मृतकों के आश्रित मुआवजा भुगतान के लिए रोजना डीटीओ कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन परिवहन सचिव के पत्र के आलोक में डीटीओ कर्मी लोगों को लौटा रहे हैं। बीते एक वर्ष में जिले में 681 सड़क हादसों में 552 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 335 मृतकों के आश्रितों के आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं। वहीं 217 मृतकों के आश्रित मुआवजा राशि के लिए कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।

अब आश्रितों को मिल सकेगा अधिक मुआवजा

अदालत व न्यायाधिकरण में हादसों की सुनवाई के बाद मृतकों के आश्रितों को अधिक राशि मिल सकेगी। हादसे वाली गाड़ियों का बीमा करने वाली कंपनियों से क्लेम की राशि वसूल की जायेगी। अधिवक्ता प्रमोद कुमार शुक्ला ने बताया कि परिवहन विभाग आश्रित को महज पांच लाख रुपये मुआवजा के रूप में देता था। लेकिन, अदालत मोटर दुर्घटना दावा अधिनियम के तहत अधिक मुआवजा राशि तय करती है। मृतक की कम उम्र पर आश्रिता को अधिक मुआवजा मिल पाता है।

Source : Hindustan

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