अब पूरे देश के साथ-साथ अपना शहर भी अनलॉक की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। इसी आलोक में अब करीब छह माह तक पूरी तरह से बंद रह शिक्षण संस्थानों को खाेलने की तैयारी आरंभ कर दी गई है। इसने जहां एक ओर प्रशासन की जिम्मेदारियों को बढ़ा दिया है वहीं अभिभावकों का दायित्व भी बढ़ा है। अब अपने बच्चों को स्कूल भेजने से पहले उन्हें मास्क की महत्ता और समय-समय पर हाथ धोते रहने के होने वाले फायदों के बारे में बताएं। उन्हें स्कूल में भी कैसे दूरी बनाकर रखें और यह क्यों जरूरी है, इसकी विस्तार से जानकारी दें। इसे एक दिन करके नहीं छोड़ें। इसका नियमित रूप से फॉलोअप करें।
छह फीट की दूरी बनाए रखनी होगी
वहीं दूसरी ओर शिक्षक संस्थानों को भी सजग रहना होगा। कोरोना काल में इस महीने की 21 तारीख से आंशिक तौर पर खुल रहे स्कूलों, उच्च शिक्षण संस्थानों और कौशल प्रशिक्षण केंद्रों के लिए सुरक्षा और स्वच्छता के मानकों का पूरा ख्याल रखना होगा। स्टाफ रूम से लेकर क्लास रूम तक छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के बीच दो गज यानी छह फीट की दूरी बनाए रखनी होगी। छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के साथ ही स्कूल में आने वाले हर कर्मचारी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। उन्हें बीच-बीच में हाथ भी धोते रहना होगा।
चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को स्कूल खोलने को लेकर दिशानिर्देश जारी किए। नौवीं से लेकर 12वीं के बच्चों के लिए 21 सितंबर से स्कूल खोलने की अनुमति दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि स्कूलों को चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा। स्कूल आने वाले सभी लोगों को अपने स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखनी होगी। जहां-तहां थूकने पर पाबंदी होगी।
किसी भी छात्र पर स्कूल आने के लिए दबाव नहीं
दिशानिर्देशों में साफ कहा गया है कि स्कूल में राज्य हेल्पलाइन नंबर के साथ ही स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के फोन नंबर भी प्रदर्शित किए जाएंगे। छात्र-छात्रों को स्वेच्छा से स्कूल आने की आजादी होगी। किसी भी छात्र पर स्कूल आने के लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा। बच्चे अपने माता-पिता की लिखित अनुमति लेकर ही स्कूल आएंगे।
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि दूरस्थ शिक्षा और ऑनलाइन शिक्षण को जारी रखना होगा। इसके लिए 50 फीसद शिक्षकों को स्कूल बुलाया जा सकता है। स्कूल में स्वीमिंग पूल को बंद ही रखा जाएगा। एयरकंडीशनर के तापमान को 24-30 डिग्र्री सेल्सियस के बीच ही रखना होगा। आद्रता 40-70 फीसद के बीच रखनी होगी। क्रॉस वेंटिलेशन और स्वच्छ हवा के लिए व्यवस्था करनी होगी।
कौशल या उद्यमिता प्रशिक्षण, पीएचडी, तकनीकी और पेशेवर पाठ्यक्रमों वाले शिक्षण संस्थानों को छात्र-छात्राओं को अलग-अलग समय पर बुलाने के लिए कहा गया है, ताकि क्लासरूम में छह फीट की दूरी बनी रहे। उन्हीं संस्थानों को खोलने की अनुमति दी गई है, जो कंटेनमेंट जोन से बाहर हैं। जिन संस्थानों में मेस की व्यवस्था होगी, वहां भी शारीरिक दूरी के मानकों का पालना करना होगा।
Source : Dainik Jagran