वाशिंगटन. व्हाइट हाउस (White House) के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को ये ऐलान कर दिया कि अगर भारत और चीन के बीच युद्ध (India-China Border Dispute) के हालात बनते हैं तो ये स्पष्ट है कि अमेरिकी सेना (US Military) भारत का ही साथ देगी. व्हाइट हाउस ने स्पष्ट कहा कि वे चीन को एशिया में दादागिरी करने नहीं दे सकते. व्हाइट हाउस के इस ऐलान के कुछ ही देर बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ट्वीट कर कहा कि चीन के कारण अमेरिका और बाकी दुनिया को भारी क्षति पहुंची है.
व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टॉफ मार्क मीडोज ने एक सवाल के जवाब में ‘फॉक्स न्यूज’ को बताया, ‘संदेश स्पष्ट है. हम खड़े होकर चीन को या किसी और को सबसे शक्तिशाली या प्रभावी बल होने के संदर्भ में कमान नहीं थामने दे सकते, फिर चाहे वह उस क्षेत्र में हो या यहां.’ अमेरिकी नौसेना द्वारा क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को बढ़ाने के लिए दक्षिण चीन सागर में दो विमान वाहक पोत तैनात किये जाने के बाद अधिकारी का यह बयान आया है. उधर ट्रंप ने फिर ट्वीट किया, ‘चीन के कारण अमेरिका और बाकी दुनिया को भारी क्षति पहुंची.’ कोरोना वायरस महामारी के कारण अमेरिका, पूरे यूरोप और भारत समेत दुनिया के अन्य देशों की अर्थव्यवस्था को लगभग थाम सा दिया. उन्होंने सवाल किया कि चीन ने कोविड-19 के बारे में शुरुआती दौर में ही जानकारी क्यों नहीं दी और पूरी दुनिया में वायरस का प्रसार होने दिया?
China has caused great damage to the United States and the rest of the World!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) July 6, 2020
सुरक्षा की दृष्टि से साउथ चाइना सी में अमेरिकी सेना
मीडोज ने कहा कि अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में अपने दो विमान वाहक पोत भेजे हैं. उन्होंने कहा, ‘हमारा मिशन यह सुनिश्चित करना है कि दुनिया यह जाने कि हमारे पास अब भी दुनिया का उत्कृष्ट बल है.’ चीन, दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में क्षेत्रीय विवादों में लिप्त है. चीन लगभग समूचे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है. वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान के भी क्षेत्र को लेकर उसके दावे हैं. मीडोज ने इंटरव्यू के दौरान भारत के चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के फैसलों को भी बढ़िया बताया.
भारत और चीन के सैनिकों के बीच पैंगोंग सो, गलवान घाटी और गोग्रा हॉट स्प्रिंग सहित पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में आठ सप्ताह से गतिरोध जारी है. हालांकि, स्थिति तब बिगड़ गई जब 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए. चीनी सेना ने गलवान घाटी और गोग्रा हॉट स्प्रिंग से सोमवार को अपने सैनिकों की वापसी शुरू कर दी. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को टेलीफोन पर बात की जिसमें वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सैनिकों के ‘तेजी से’ पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा करने पर सहमत हुए.
Input : News18