भारत की पहली बुलेट ट्रेन के लिए मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड कॉरिडोर तैयार किया जा रहा है, लेकिन जापानी Shinkansen बुलेट ट्रेनों की खरीद और तैनाती में काफी देरी हो रही है। इसे देखते हुए भारतीय रेल मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाते हुए इस कॉरिडोर पर हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेनों को चलाने की योजना बनाई है।

जापानी Shinkansen में देरी, 2033 तक की उम्मीद

रेल मंत्रालय ने पहले घोषणा की थी कि Shinkansen ट्रेनें अगस्त 2026 तक सूरत-बिलिमोरा सेक्शन पर दौड़ेंगी। लेकिन हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन ट्रेनों का संचालन अब 2033 तक संभव नहीं दिख रहा। सितंबर 2017 में इस परियोजना की आधारशिला रखी गई थी, लेकिन विभिन्न कारणों से इसमें लगातार देरी हो रही है।

वंदे भारत को बनाया गया विकल्प

इस देरी के चलते नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (NHSRCL) ने वंदे भारत ट्रेनों के लिए सिग्नलिंग सिस्टम का निविदा प्रस्ताव जारी किया है। इन हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेनों को 280 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने की योजना है। निविदा के तहत सफल बोलीदाता को यूरोपीय ट्रेन नियंत्रण प्रणाली (ETCS) लेवल-2 का डिजाइन, निर्माण, आपूर्ति, और रखरखाव का कार्य दिया जाएगा।

2027 से शुरू होगा संचालन

रेलवे सूत्रों के अनुसार, ETCS-2 के लागू होने के बाद 2027 तक वंदे भारत ट्रेनों का वाणिज्यिक परिचालन शुरू करने की तैयारी है। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि हाई-स्पीड कॉरिडोर का बुनियादी ढांचा उपयोग में लाया जाए, भले ही Shinkansen ट्रेनें समय पर उपलब्ध न हों।

भारतीय रेलवे का यह निर्णय देरी के बावजूद हाई-स्पीड ट्रेन यात्रा के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

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