वट सावित्री व्रत के अवसर पर आज सुहागिन महिलाओं ने व्रत रखते हुए पति की लंबी उम्र व मंगलमय जीवन की कामना की। नाना प्रकार की पूजन सामग्री से वट वृक्ष की पूजा की। वृक्ष की परिक्रमा करते हुए उसके तने में सूत लपेटा। सावित्री-सत्यवान की कथा भी सुनी। बाबा गरीबनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी पं.विनय पाठक व आचार्य पं.धीरज शर्मा ने बताया कि हिन्दू धर्म में वट सावित्री व्रत को करवा चौथ के समान ही सौभाग्य प्रदायक माना गया है। इस व्रत को संपन्न कर सावित्री ने यमराज को हरा कर अपने पति सत्यवान के प्राण बचाए थे। व्रत में वट और सावित्री दोनों का खास महत्व बताया गया है। पुराणों में मुताबिक, वट वृक्ष में त्रिदेवों का वास होता है और इसके नीचे बैठकर पूजन करने व व्रत कथा सुनने से व्यक्ति की मनोकामना पूर्ण होती है। इधर, पूजा के लिए बाबा गरीबनाथ मंदिर, हरिसभा चौक स्थित राधाकृष्ण मंदिर, मुजफ्फरपुर गोशाला, रामदयालु स्थित मां मनोकामना देवी मंदिर, बालुघाट स्थित जंगली माई स्थान आदि मंदिरों व वट-वृक्ष के नीचे सुहागन महिलाओं की भीड़ लगी रही। कई मंदिरों में गमले में वट वृक्ष लगाया गया था। पूजा के लिए पहुंची महिलाओं ने विधिवत पूजा-अर्चना के बाद व्रत की कथा सुनी।

Pics by Ankit Srivastava

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