दिल्ली के कनाट पैलेस के जिस होटल में गमछे की वजह वज़ह से बिहार के युवा साहित्यकार नीलोत्पल मृणाल को प्रवेश से रोका गया उसी होटल के वेटर अब गमछा लेकर खाना परोस रहे हैं। होटल प्रबंधन के निर्देश पर यह पहल शुरू हुई है।

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दरअसल गमछा लेकर होटल में प्रवेश से रोके जाने के बाद सोशल साइट्स पर होटल की कार्रवाई की जमकर आलोचना हुई। मामले में मशहूर कवि कुमार विश्वास से लेकर देश विदेश के लोगों ने इसे गलत कहा और दो लाख से अधिक पोस्ट और कमेंट आये। तीखी आलोचना के बाद होटल मैनेजमेंट ने अपनी गलती मानी और अब उनके वेटर गमछा लेकर खाना परोस रहे हैं। नीलोत्पल मृणाल ने हिंदुस्तान से विशेष बातचीत में कहा कि यह अपसंस्कृति पर भदेस संस्कृति की जीत है। लड़ाई के आरंभ में ही इसमें जीत मिली है। अपने फेसबुक पोस्ट में नीलोत्पल ने लिखा है कि यह सुखद अनुभूति है कि लोग अपनी संस्कृति को बचाने के लिए आगे आ रहे।

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उन्होंने इसे स्वत: स्फूर्त आंदोलन बताया और कहा कि उन्होंने लोगों से किसी आंदोलन की अपील नहीं की थी। उन्होंने महज अपनी पीड़ा जाहिर की थी जो कि जायज थी। भाषा वेशभूषा और पहनावे के आधार पर आप किसी को होटल में प्रवेश से रोक नहीं सकते। इस आंदोलन के सकारात्मक प्रभाव वाले परिणाम ने उन्हें संस्कृति के लिए काम करते रहने की प्रेरणा दी है। इधर होटल के भीतर की कई तस्वीरें भी तेजी से वायरल हो रही हैं जिनमें गमछा लेकर वेटर खाना परोस रहे और आगंतुकों का स्वागत कर रहे। हजारों लोगों ने इसपर अपनी अलग अलग प्रतिक्रिया दी है।

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Input : Hindustan

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