Delhi Police vs Lawyers Protest: पिछले सप्ताह 2 नवंबर को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट परिसर में दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच संघर्ष से जुड़ा एक सनसनीखेज वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें बड़ी संख्या में वकील हमलावर अंदाज में दिल्ली पुलिस की महिला डीसीपी मोनिका भारद्वाज की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं।
बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में वकीलों ने महिला डीसीपी के साथ दुर्व्यवहार किया था और उन्हें धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया था। हालांकि, वकीलों के धक्का देने और डीसीपी के जमीन पर गिरने का फुटेज इस वीडियो में शामिल नहीं है।
वहीं, मीडिया में चले मोनिका भारद्वाज के सीसीटीवी फुटेज को देखते हुए रास्ट्रीय महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को नोटिस भेजा है। इसमें महिला डीसीपी के साथ हुए बदसलूकी को लेकर कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है और एक अलग से जांच करने को कहा गया है। वकीलो के खिलाफ केस भी दर्ज किया जाए।
#WATCH: CCTV footage of DCP North Monika Bhardwaj pleading before the lawyers to stop violence when a clash broke out between police and lawyers at Tis Hazari Court in #Delhi on November 2. pic.twitter.com/xFWZBP3Swp
— ANI (@ANI) November 8, 2019
दो पुलिस अधिकारियों का तबादला
वहीं, तीस हजारी कोर्ट परिसर में शनिवार को वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद काम से हटाए गए पुलिस के दो वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। शुक्रवार शाम पुलिस आयुक्त ने तबादले का आदेश जारी किया। स्पेशल सीपी कानून एवं व्यवस्था (उत्तरी) संजय सिंह को स्पेशल सीपी लाइसेंसिंग और उत्तरी जिले के एडिशनल डीसीपी हरेंद्र कुमार सिंह को रेलवे के डीसीपी के पद पर भेजा गया है।
रेलवे के डीसीपी का काम देख रहे दिनेश कुमार गुप्ता को उत्तरी जिले का एडिशनल डीसीपी बनाया गया है। दरअसल, तीस हजारी कोर्ट परिसर में हंगामे के बाद हाई कोर्ट के आदेश पर संजय सिंह और हरेंद्र कुमार सिंह को काम से हटा दिया गया था। इस घटना के तीन दिन बाद दोनों का तबादला कर दिया गया। स्पेशल सीपी कानून एवं व्यवस्था (उत्तरी) बनने से पहले संजय सिंह स्पेशल सीपी हेड क्वार्टर का काम देख रहे थे। हाल ही में उन्हें यह जिम्मेवारी दी गई थी। वहीं, हरेंद्र कुमार सिंह तीन वर्ष से ज्यादा समय से उत्तरी जिले में तैनात थे। दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट के मामले की जांच इनके ही नेतृत्व में की गई थी।