फ्रांस में निर्मित राफेल लड़ाकू जेट विमानों (Rafale fighter jet) को भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) में शामिल करने के बाद आज पहली बार लद्दाख (Ladakh) एयरबेस से इन विमानों ने उड़ान भरी. भारत-चीन के बीच हो रही कोर कमांडर स्तर की बातचीत के बीच लद्दाख में राफेल से उड़ान भरने को काफी अहम माना जा रहा है. राफेल की इस उड़ान में भारतीय वायु सेना की मजबूती की झलक को साफ देखा जा सकता है.

वायुसेना में इन लड़ाकू विमानों को शामिल किए जाने के 10 दिनों से भी कम समय के अंदर लद्दाख में उनकी तैनाती की गई है. अंबाला में 10 सितंबर को एक समारोह में पांच राफेल विमानों को वायुसेना में शामिल किया गया था. देखिए VIDEO…

आसमान की निगरानी कर रहा राफेल

भारत और चीन (India-China Standoff) की सेनाओं के बीच कोर कमांडरों (Core commanders) की छठे दौर की वार्ता से पहले भारत ने पैगोंग झील (Pangong Tso Lake) के तनातनी के इलाके में करीब 20 से ज्यादा चोटियों पर अपने को और मजबूत कर लिया है. सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायुसेना लद्दाख (Ladakh) में आसमान में निगरानी के लिए नए शामिल हुए राफेल जेट का उपयोग कर रहा है, पिछले तीन हफ्तों में चीनी सैनिकों (Chinese Soldiers) द्वारा उत्तेजक कार्रवाई के मद्देनजर लड़ाकू तत्परता दिखाने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है.

अहम जगहों पर हुई राफेल की तैनाती

सूत्रों ने बताया कि सेना ने पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी तटों के आसपास के सामरिक महत्व की 20 से अधिक पर्वत चोटियों तथा चुशुल के विस्तारित सामान्य क्षेत्र में भी पिछले कुछ दिनों में अपना वर्चस्व बढ़ाया है. जबकि इलाके में हाड़ कंपा देने वाली ठंड है. वायुसेना ने सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 जैसे अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान पूर्वी लद्दाख में अहम सीमांत एयर बेस पर, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तथा अन्य स्थानों पर तैनात किये जा चुके हैं.

Source : News18

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