बिहार में शनिवार को छठे चरण के चुनाव के तहत 57.45 फीसदी मतदान हुआ। 2019 में इन सीटों पर 58.47 फीसदी मतदान हुआ था, इस प्रकार, इस बार करीब 3 फीसदी मतदान कम हुआ है। इस चरण में वाल्मिकी नगर में 58.25%, पश्चिम चंपारण में 59.75%, पूर्वी चंपारण में 57.30%, शिवहर में 56.30%, वैशाली में 58.50%, गोपालगंज में 50.70%, सीवान में 52.50% और महराजगंज में 51.27% मतदान हुआ।
मतदान के बाद निर्वाचन विभाग में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई जिसमें बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एचआर श्रीनिवास ने जानकारी दी कि इस चरण में कुल 86 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई। वाल्मीकिनगर में 10, पश्चिम चंपारण में 8, पूर्वी चंपारण में 12, शिवहर में 12, वैशाली में 15, गोपालगंज (सु) में 11, सीवान में 13 और महाराजगंज में 5 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।
मुख्य प्रत्याशियों में पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह, सांसद संजय जायसवाल, जर्नादन सिंह सीग्रीवाल, वीणा देवी, पूर्व सांसद लवली आनंद, हेना शहाब, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहार चौधरी, रितू जायसवाल और विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला शामिल थे।
सीवान में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला जबकि अन्य सात सीटों पर एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला रहा। इस बार के चुनाव में मतदाताओं का रुझान देखने लायक था, खासकर तब जब पिछले चुनाव की तुलना में मतदान प्रतिशत में कमी आई है। अब सभी की नजरें चुनाव परिणामों पर टिकी हैं जो तय करेंगे कि बिहार की राजनीति में किसकी जीत होती है।