कोरोना के 42 मरीज ट्रेसलेस हैं। उनका पता लगाने में स्वास्थ्यकर्मियों का पसीना छूट रहा है। पहचान नहीं होने से कोरोना संक्रमण का चेन बढऩे की आशंका प्रबल हो गई है। यह वैसे लोग है जो गलत नंबर व नाम गलत दर्ज कराये है। सभी दूसरे राज्यों से बस पडाव व रेलवे जक्शन पर आए है। सिविल सर्जन डा. यूसी शर्मा ने कहा कि कंट्रोल रूम की समीक्षा के बाद यह सामने आया कि 42 लोग का ट्रेस नहीं मिल रहा है।

ये वैसे लोग है जिन्होंने अपना नाम व मोबाइल नंबर गलत दर्ज कराया हैं। अधिकतर मामले रेलवे स्टेशन व बस पड़ाव के है। ऐसे मरीज की स्थिति क्या है वह स्वस्थ हुए या नहीं, उनकी स्थिति गंभीर हुई या नहीं यह चिंता का विषय है। इसके लिए उनके पता पर आशा को लगाया गया हैं। आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका की मदद में खोज हो सकती है।

सदर अस्पताल से हटाए गए प्रतिनियुक्त 15 चिकित्सक

मुजफ्फरपुर। सदर अस्पताल में प्रतिनियुक्ति 15 चिकित्सक को उनके मूल जगह पर भेज दिया गया है। इसके साथ ही ब्रहम्पुरा व कन्हौली शहरी पीएचसी के प्रभारी को भी हटा दिया गया है। सिविल सर्जन डा.यूसी शर्मा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सा सुविधा मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया गया है। सीएस ने 24 घंटे के अंदर पदभार ग्रहण करने का आदेश दिया।

Source: Dainik Jagran

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