कोरोना वायरस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन लोगों की गलतफैहमी दूर करने के लिए लगातार एडवाइजरी और चेतावनी जारी करता रहा है. इस तरह की सतर्कता अगर महामारी के शुरूआती दिनों में दिखाई गई होती तो शायद स्थिति इतनी बयावह नहीं होती. इस बार डब्ल्यूएचओ की तरफ से लोगों को चेतावनी दी गई है कि लोग किसी तरह की गलतफहमी में न रहें कि कोरोना वायरस एक मौसमी बीमारी है जो मौसम बदलने के साथ कम हो जाएगी.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रवक्ता मार्गरेट हैरिस ने एक वर्चुअल ब्रीफिंग में कहा कि कोरोना वायरस महामारी एक बड़ी लहर है. जो आसानी से खत्म होने वाली नहीं है. हैरिस ने उत्तरी गोलार्ध में गर्मी के मौसम में इस वायरस को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही ना करने की भी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस किसी आम इन्फ्लूएंजा की तरह नहीं है, जो मौसम बदलने के साथ कम हो जाए.
डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने हांगकांग में इस वायरस के दोबारा से बढ़ रहे मामलों को लेकर भी चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि ये वायरस इंसानों के नियंत्रण के बाहर है, हालांकि हम एक साथ मिलकर इसे फैलने से रोक सकते हैं. हैरिस के अनुसार हम अभी कोरोना वायरस की पहली लहर से जूझ रहे हैं. ये एक बड़ी लहर बनने वाली है जो ऊपर-नीचे जा रही है लेकिन सबसे अच्छी बात ये है कि हम इस कर्व को फ्लैट कर सकते हैं.
सतर्कता और सुरक्षा के नियमों का पालन करने की आवश्कता है
अमेरिका में कोरोना के बढ़ते मामलों की तरफ इशारा करते हुए हैरिस ने कहा कि हमें ज्यादा सतर्क और सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन करने की जरूरत है. उन्होंने लोगों से एक साथ इकट्ठा ना होने की भी चेतावनी दी. हैरिस ने कहा कि लोग अभी भी इसे मौसमी बीमारी की तरह देख रहे हैं. हम सभी को ये समझने की जरूरत है कि ये एक नया वायरस है, जो अलग तरह से व्यवहार कर रहा है और ये वायरस बदलते मौसम के साथ ख़त्म होने वाला नहीं है. साथ ही यदि आपको पहले से ही सांस की बीमारी है तो ये आपके सेहत के लिए खतरा और बढ़ जाता है.