हाल ही में रिलीज हुई कश्मीरी पंडितों के दर्द को दिखाती विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को दर्शकों का जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है. इस फिल्म को देखकर लोगों की आंख में आंसू आ जाते हैं. इस मूवी को देखने वाले कई लोगों को कहना है कि कश्मीरी पंडितों की पीड़ा को परदे पर देखना भी आसान नहीं है.
सुर्खियों में बिट्टा कराटे का वो इंटरव्यू
इस फिल्म में कश्मीर में 1990 में हुए नरसंहार और कश्मीरी पंडितों के साथ दिल दहलाने वाले अत्याचार को पर्दे पर दिखाया गया है. फिल्म में एक ऐसा इंटरव्यू भी है जिसके बारे में जानकर किसी की भी रूह कांप जाएगी. सच्ची दास्तान को बयान करती इस फिल्म में बिट्टा कराटे नाम के एक शख्स का इंटरव्यू है जिसकी चारों ओर चर्चा हो रही है. दरअसल फिल्म रिलीज होने के बाद इसी बिट्टा कराटे नाम के शख्स का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है. आइए जानते हैं कौन है बिट्टा कराटे जिसने 20 लोगों को मारने की बात खुद ही इंटरव्यू में कबूली थी.
पहले कबूला फिर मुकर गया
आपको बता दें कि यूट्यूब पर बिट्टा कराटे का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो खुद कश्मीरी पंडितों के मर्डर करने की बात कबूलता है. बिट्टा कराटे कहता है कि उसने करीब 20 लोगों का कत्ल किया था, जिनमें ज्यादातर कश्मीरी पंडित थे. वीडियो में बिट्टा जब लोगों को मारने की बात करता है तो उसके चेहरे पर जरा भी दुख तक नहीं दिखता. वीडियो में बिट्टा कहता है कि उसे कत्ल करने का ऑर्डर मिलता था. अगर कहा जाता तो वह अपनी मां और भाई को भी मार देता. बिट्टा कराटे उर्फ फारूक अहमद डार आज के समय में जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट (JKLF) का चेयरमैन है. साल 1990 में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के बाद बिट्टा कटारे राजनीति की दुनिया में उतर गया था. इंटरव्यू में बिट्टा कटारे ने नरसंहार को लेकर सारे आरोप कबूले थे, लेकिन बाद में वह इनसे पलट गया.
कभी मौत की सजा से डरा कराटे अब कहां है?
कातिल कराटे ने खुद अपने राज दुनिया के सामने खोले थे. वहीं बड़ी बात ये कि कई हत्याओं के इस आरोपी को खुद कभी मौत यानी फांसी की सजा का डर था, लेकिन वो बाद में बेल मिलने पर जेल से रिहा हो गया. दरअसल उसके खिलाफ तब ठोस सबूत नहीं मिल पाए थे. हालांकि उसने मीडिया को दिए गए इंटरव्यू में खुद की गई हत्याओं और बाकी गुनाहों के बारे में बताया था. बिट्टा कराटे ने इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि वह पाकिस्तान से 32 दिन की ट्रेनिंग लेकर आने के बाद आतंकी बना था. उसने बताया था कि वह जब केवल बीस साल का था तब स्थानीय प्रशासन से परेशान होकर आतंकी बनने का फैसला किया था.
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जज ने की थी ये टिप्पणी
बिट्टा को सबसे पहले जून 1990 में गिरफ्तार किया गया था वो 2006 तक यानी 16 साल जेल में रहा. साल 2006 में उसे जमानत मिलने के दौरान टाडा कोर्ट के जस्टिस एनडी वानी ने कहा, ‘अदालत इस तथ्य से अवगत है कि आरोपियों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं जिसमें मौत या फिर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है लेकिन एक तथ्य ये भी है कि अभियोजन पक्ष ने मामले में सही तरीके से अपना पक्ष नहीं रखा’.
2019 में फिर गिरफ्तार
जेल से छूटने के बाद बिट्टा जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) में शामिल हुआ. आज भी वो जम्मू कश्मीर में है. वहीं पुलवामा हमले के बाद बिट्टा को आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत कार्रवाई करते हुए टेरर फंडिंग के आरोप में 2019 में एनआईए (NIA) ने गिरफ्तार किया था.
Source : Zee News