विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख डॉक्टर टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने कहा है कि दुनिया भर में वायरस के प्रसार की गति धीमी होने के बावजूद भी कोविड का असर दशकों तक महसूस किया जाएगा।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि कोरोना का प्रभाव सबसे कमजोर समूहों के बीच महसूस किया जाएगा और महामारी जितनी देर तक चलेगी, प्रभाव उतना ही बुरा होगा। डॉ टेड्रोस ने कहा, “कोविड महामारी का प्रभाव दशकों तक महसूस किया जाएगा, विशेष रूप से सबसे कमजोर समूहों के बीच। महामारी जितनी लंबी चलेगी, उतने ही बुरे प्रभाव होंगे।”
डॉ टेड्रोस ने कहा कि वर्तमान में राष्ट्रमंडल देशों की केवल 42 प्रतिशत आबादी को ही टीकाकरण की दोहरी खुराक मिली है और देशों के बीच व्यापक असमानता है।
उन्होंने कहा, “राष्ट्रमंडल के अफ्रीकी देशों ने औसत टीकाकरण दर केवल 23 प्रतिशत हासिल की है। इस अंतर को पाटना डब्ल्यूएचओ के लिए एक तत्काल प्राथमिकता है, न केवल महामारी को नियंत्रण में लाने और जीवन बचाने के लिए, बल्कि आजीविका की रक्षा करने और स्थायी रिकवरी का समर्थन करने के लिए भी काम करेंगे।”
इससे पहले, डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी थी कि जैसे-जैसे वायरस विकसित होता है, टीकों को भी विकसित करने की आवश्यकता हो सकती है। टेड्रोस ने कहा कि SARS-CoV-2 के वेरिएंट टीकों से प्रेरित एंटीबॉडी को बेअसर करने से बच सकते हैं।
Source : Hindustan