2024 के लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हो चुका है। हालांकि, चुनाव के परिणाम भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए अप्रत्याशित रहे। 400 से अधिक सीटों का दावा करने वाली बीजेपी 240 सीटों पर सिमट गई। जेडीयू के 12 सांसदों का समर्थन नई सरकार बनाने के लिए जरूरी हो गया। बिहार में बीजेपी को भी बड़ा झटका लगा और उनकी सीटें 17 से घटकर 12 रह गईं, जिससे पांच सीटों का नुकसान हुआ।
इस चुनावी परिणाम के बाद बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजय पासवान का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने पार्टी की स्थिति को उजागर किया है। पटना में स्वामी सहजानंद सरस्वती की पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में संजय पासवान ने कहा, “अगर नीतीश कुमार साथ नहीं होते तो भारतीय जनता पार्टी बिहार में जीरो पर आउट हो जाती।” उनके इस बयान ने राजनीतिक भूचाल पैदा कर दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में राजनीतिक ध्रुवीकरण हुआ है और राज्य की राजनीतिक ताकतें तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के साथ बंट चुकी हैं।
संजय पासवान ने यह भी कहा कि बिहार, यूपी और बंगाल राजनीतिक क्षेत्र के इलाके हैं जहां बिना राजनीतिक हस्तक्षेप के सामाजिक बदलाव नहीं लाया जा सकता। उन्होंने जोर देकर कहा कि सम्मान, समृद्धि और भागीदारी की बातें तभी संभव हैं जब हम राजनीतिक रूप से जागरूक, सजग और संगठित हों। इसके लिए गहन चिंतन की आवश्यकता है।
डॉ. संजय पासवान, जो पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री और नवादा के पूर्व सांसद भी हैं, ने अपने इस बयान से राजनीतिक हलचल मचा दी है। उनके बयान को बीजेपी के विरोधी अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस कार्यक्रम में जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार भी शामिल हुए, जिनकी ओर इशारा करते हुए संजय पासवान ने कहा कि अरुण कुमार जी ने अपनी ताकत दिखाई और उनका संगठित समाज का प्रभाव जहानाबाद में देखा गया।